उत्तर प्रदेश की महिला किसान अंजली सिंह ने जूट का व्यापार कर एक अलग पहचान बनाई है. जाहिर है कि सरकार महिलाओं को खेती में रोजगार का माहौल देने का प्रयास कर रही है. देश में कपास के बाद वस्त्र उद्दोग के लिए जूट दूसरी सबसे अहम फसल है.
भारत में विश्व के कुल उत्पादन का लगभग 49 प्रतिशत जूट उत्पादन होता है. अंजली सिंह को इस उपलब्धि के लिए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा फिक्की फ्लो ऑवार्ड दिया गया. इसके अलावा उन्हें एचटी मीडिया द्वारा नामित किया गया साथ ईस्टर्न मसाला कंपनी द्वारा बेस्ट महिला एन्टर्प्रेन्योर अवार्ड दिया गया.
भारत में जूट की फसल कपास के बाद सबसे महत्वपूर्ण फसल है जो भारतीय अर्थव्यव्स्था में एक अहम भूमिका निभाती है. जूट की फसल खासकर पूर्वी और उत्तर पूर्वी राज्यों में केंद्रित है. यह फसल भारत में आज के समय में वस्त्र उद्दोग, कागज उद्दोग, निर्माण और वाहन उद्दोग और मिट्टी सेवर के रूप में किया जाता है.
अंजली कहती हैं कि राष्ट्रीय जूट बोर्ड वस्त्र मंत्रालय द्वारा एक योजना चलाई गई जिसमें भारी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया. इससे प्रेरित होकर उन्होंने भी इसमें हिस्सा लेना चाहा. इस बीच इन महिलाओं में बहुत सारी महिलाओं का व्यापार शुरु कर पाना मुश्किल था. इन महिलाओं को अपने साथ लेकर अंजली ने व्यापार करना चाहा.
देश में पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध होने से उन्होंने जूट के बने बैग व शॉपिंग बैग आदि बनाकर उनका व्यापार करने से उन्होंने अभूतपूर्व सफलता हासिल की. जिसके लिए उन्हें कई बार पुरुस्कृत किया गया. छोटे-छोटे डीलरों से बात कर अंजली ने कच्चा माल प्राप्त किया. वह और भी महिलाओं को अपने साथ जोड़कर अपने व्यापार को आगे बढ़ाना चाहती हैं.
भारत में जूट के प्रमुख उत्पादक राज्य (Major jute producing states in India)
भारत में जूट का उत्पादन मुख्यत: उत्तर प्रदेश, बिहार, मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल में किया जाता है. भारतीय जलवायु में जूट का एक हैक्टेयर से 40 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है.
जूट की उन्नत किस्में (Advanced varieties of jute)
भारत में जूट की उन्नत किस्में AAUOJ-1 (तरुण), JBO-2003H (ईरा), JROG1 (रितिका), JROM1 ( प्रदीप), JRO-2407 ( संपति), सुरेन, मोनालीसा आदि उन्नत किस्में हैं.
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