कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लाग दिया गया था, जिस वजह से कोरोना पर काबू तो पाया गया, लेकिन इस लॉकडाउन ने लोगों की आर्थित स्तिथि खराब कर दी.
इस वजह से देश के लाखों लोग ख़ासकर मजदूर अपनी रोजी रोटी से हाथ धो बैठे थे. जहां एक तरफ कोरोना कई लोग की रोजी रोटी का काल बन गया, तो वहीँ दूसरी तरफ झारखंड के एक दंपत्ति ने यह कोरोना वरदान बना है.
बता दें कि झारखंड के रावतारा गांव के रहने वाले 37 वर्षीय सूर्य मंडी किसान लॉकडाउन में अपने घर को वापस लौट आये थे, उस बीच उनके पास कोई अपना काम न होने की वजह से घर का खर्च निकलने में भी मुश्किल हो रही थी. इस बीच उन्होने अपने घर में खेती का करने का मन बनाया, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी रुपाली के साथ मिलकर मिश्रित खेती कर पूरे गांव में एक अलग मिसाल कायम की. आज के समय में ये किसान परिवार अपने गांव के आस - पास के लोगों के लिए प्रेरणा बन रहा है. इतना ही यह किसान परिवार मिश्रित खेती कर लाखों रूपए की कमाई हर महीने कर रहा है.
किसान सूर्य मंडी का कहना है कि पहले यह अपने खेत में केवल धान की खेती करते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान हमने धान के साथ - साथ कई सब्जियों की मिश्रित खेती की, जिससे हमें काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त हुआ. किसान परिवार मिश्रित खेती करीब 2 साल से अपने खेत में कर रहे हैं. आगे उनका कहना है कि एक तरफ हम धान की खेती अपने परिवार के लिए अनाज की उचित व्यवस्था भी कर लेते हैं साथ ही दूसरी तरफ विभिन्न सब्जियों की खेती कर दोगुना मुनाफा भी कमा ले रहे हैं.
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किसान की सफलता से प्रभावित होकर जिन मजदूरों ने अपनी नौकरी लॉकडाउन के दौरान खो दी थी, वो परिवार से प्रेरित होकर अपने गांव में मिश्रित खेती कर दोगुना मुनाफा कमा रहे हैं.
राज्य सरकार भी कर रही मदद (State Government is also Helping Rural Farmers)
वहीँ ग्रामीण किसानों की सफलता को देख झारखंड सरकार भी कृषि उत्पादों को बढ़ाने के लिए नई - नई तकनीक का मुफ्त में प्रशिक्षण दे रही है. इसके अलावा खेत में सिंचाई के लिए अच्छी सुविधा भी दी जा रही है.
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