क्या है खुबानी?
ख़ुबानी एक गुठलीदार फल होता है, जिसे इंग्लिश में "ऐप्रिकॉट" (apricot) कहते हैं और फारसी में इसको "ज़र्द आलू" कहते हैं. इंडिया और पाकिस्तान में ये बहुत ही महत्वपूर्ण फल है. यह एक छोटे आड़ू के बराबर होता है. विशेषज्ञों के अनुसार यह भारत में पिछले 5 हज़ार साल से उगाया जा रहा है. ख़ुबानी के पेड़ की अगर बात की जाये तो यह कद में छोटा होता है. इसकी लम्बाई 7 से 12 मीटर के बीच होती है.
खुबानी कि किस्में
खुबानी कई रंगों की होती है, जैसे सफेद, काले, गुलाबी और भूरे (ग्रे) रंग और कहीं-कहीं तो लाल भी होती है. रंग से खुबानी के स्वाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन इसमें जो कैरोटीन होता है वो फल के रंग के हिसाब से होता है.
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अभी तक हमने इस लेख में खुबानी के बरे में जाना लेकिन अब बात करेंगे हिमाचल प्रदेश के किसान के बारे में जिन्होंने लाल खुबानी उगाकर देश के लोगों को अब पीली खुबानी के साथ-साथ लाल रंग की खुबानी (एप्रिकॉट) का भी स्वाद चखने का मौका दिया है.
हिमाचल प्रदेश के बखोल गांव के बागवानी करने वाले संजीव चौहान ने अपने बगीचे में लाल रंग की खुबानी रेड बोलेरो तैयार की है, जो कि स्पेन की किस्म है. सामान्य खुबानी के मुकाबले इसका आकार बड़ा है और इसके ताजा रहने की मियाद भी उससे दस दिन अधिक है. लाल रंग की खुबानी रेड बोलेरो का एंटी एजिंग गुण चेहरे से झुर्रियां हटाने में सहायक है और समय से पहले बूढ़ा होने से रोकने में भी मददगार है.
इसमें पाया जाने वाला फीनॉलिक एसिड कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है. बागवान संजीव चौहान ने यह भी बताया कि वर्ष 2020 में उन्होंने इटली से रेड बोलेरो और रुबिल किस्म की खुबानी के पौधे आयात किए थे. पौधे लगाने के दो साल बाद इसमें अब फल लगने लगे हैं. यह खुबानी पूरी तरह से आर्गेनिक है, क्योंकि इसमें कोई स्प्रे नहीं की गयी है. तो आप भी इसका सेवन कर आप भी अपने इम्युनिटी को बढ़ा सकते हैं.
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