जो सपने देखते है और उन्हें पूरा करने की कीमत चुकाने को तैयार रहते है वही लोग जीवन में सफल होते है। यही साबित किया है हिसार उकलाना के एक किसान परिवार के बेटे साहिल वर्मा ने। आपको बतादे की साहिल वर्मा एक किसान के बेटे और एक आर्मी अफसर के पोते है। साहिल वर्मा ने गुरु जंबेश्रवर विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग में टॉप करके एक नया मुकाम हासिल किया है।
उनकी इस उपलब्धि पर महामहिम राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा व उप कुलपति डा. टंकेश्र्वर ने प्रशस्ति पत्र व गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। साहिल के घर में इस उपलब्धि के बाद ख़ुशी कि लहर दौड़ गई। बच्चो को उनके माता पता के नाम से तो सब जानते है लेकिन जब माता पिता को उनके बच्चों के नाम से जाना जाये तो यह घरवालों के लिए भी उपलब्धि है.
साहिल ने बताया कि उन्होंने अपने घर से अपने दादा और पापा से प्रेरणा लेकर सिविल इंजीनियरिंग को चुना। उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए कभी भी पढ़ाई नहीं की बल्कि कामयाबी के लिए कड़ी मेहनत की। जिससे उनकी मेहनत रंग लाई और वे विश्र्वविद्यालय टॉपर बने हैं।
साहिल के दादा कैप्टन चंद्रभान ने बताया कि वह किसान परिवार से संबंध रखते है। जब वे खुद भी पटवारी की ट्रैनिंग कर रहे थे तो उनका कॉपरेटिव बैंक में सचिव के पद पर चयन हो गया था। लेकिन वे देश की सेवा के लिए सेना में जाना चाहते थे। इसलिए सेना में भर्ती हो गए और वहीं पर ऑटोमोबाईल इंजीनियरिंग का कोर्स किया। और अब पोते की इस उपलब्धि से वह खुश है।
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