पश्चिम राजस्थान खासकर जोधपुर जिले में किसान नई तकनीक को अपनाकर लाखों की आमदनी (Income) कमा रहे हैं. इसके साथ ही अन्य किसानों (Farmers) को भी आधुनिक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं. यहां किसान नई तकनीक Hi Tech Farming के साथ नवाचारों को अपना रहे हैं. इससे किसान कम पानी (Water) और ज़मीन पर खेती करके अच्छी आमदनी ले सकते हैं. इस तकनीक की मदद से मथानिया के रजासनी गांव के किसान चंपालाल धारीवाल (Farmer ChampalalDhariwal) ने एक मिसाल कयाम की है.
किसान ने की हाइटेक खेती
दरअसल, प्रगतिशील किसान चम्पालाल धारीवाल ने आधुनिक खेती करने की ठानी, क्योकि मौजूदा समय में लागत अधिक लगती है और मुनाफा कम मिलता है. इसलिए किसान ने हाइटेक खेती को अपनाया. इसके लिए किसान ने कृषि विभाग से पूरी जानकारी ली. फिर कृषि विभाग के सहयोग से परम्परागत खेती को छोड़ दिया और बागवानी करना शुरू कर दिया. बता दें कि यहां किसान ने लगभग 40 बीघा में बेर, 10 बीघा में नीबूं, 10 बीघा में गुन्दा, 4 बीघा में अनार और 4 बीघा में आम का बगीचा लगाया है.
शेड नेट लगाकर की खेती
किसान ने लगभग10 हजार वर्ग मीटर में शेड नेट लगाया. फिर 10 बीघा में सब्जी और 6बीघा में खीरा लगाया. किसान का कहना है कि यहां भूमिगत जल काफी गहराई में है, जिससे सिचांई जल भी कम पड़ता है. इसके लिए कृषि एवं उद्यानिकी विभाग से सलाह लेकर बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति को अपनाया. किसान ने ड्रिप इरगेंशन सिस्टम को लगाया, जिसके बाद शेड नेट में खीरा समेत सभी फसल अच्छी हुईं. इस तरह लगभग 15 से 18 लाख रुपए की आमदनी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
पश्चिम राजस्थान का सबसे बड़ा शेड नेट
किसानों की इस पहल की कृषि विभाग ने काफी सराहना की है, उनका कहना है कि यह शेड नेट पश्चिम राजस्थान का सबसे बड़ा शेड नेट है. किसान ने बिना किसी सरकारी सब्सिडी के इस शेड नेट की स्थापना की है. वह इससे मदद से अच्छी पैदावार ले रहे हैं.
ज़रूरी जानकारी
आपको बता दें कि किसान ने शेडनेट हाऊस में वातावरण में उचित तापमान बनाए रखने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया है. इससे बारिश, ओलावृष्टि, गर्मियों में चलने वाली लू से भी फसल का बचाव होगा. इस शेडनेट हाऊस में कीट-रोग नियंत्रण करने में भी आसानी रहती है. सभी किसान सरकारी योजनाओं की मदद से आधुनिक तकनीक का उपयोग करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
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