हरियाणा के किसान ने एक तरकीब निकाली है जो महीनों का इंतजार नहीं कराती बल्कि रोजाना मुनाफा देती है तभी इसे ‘डेली इनकम मॉडल’ नाम दिया गया है. हरियाणा के हिसार स्थित गांव तलवंडी रुक्का के रहने वाले 60 साल के सुरेश गोयल पिछले 7 सालों से ‘डेली इनकम मॉडल’ से खेती और बागवानी कर रहे हैं.
हैरानी की बात यह है कि सुरेश किसी किसान परिवार से नहीं हैं बल्कि उन्होंने 32 सालों तक भारत के बड़े शहरों जैसे मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद आदि में ट्रांसपोर्टेशन का बिजनेस चलाया फिर 2013 में अपना व्यवसाय बच्चों को सौंपकर गांव की तरफ रुख किया. जहां उन्होंने खेती किसानी सीखी.
डेली इनकम मॉडल- किसान सुरेश बताते हैं कि फलों के पेड़ लगाने से शुरुआत की और फलों के पेड़ों के बीच में एक उचित दूरी रखी. उनके बाग में अमरुद, मौसमी, निम्बू, कीनू, चीकू, आंवला, जामुन, आलूबुखारा, आडू, जामुन, अनार, बब्बूगोशा, लीची, सेब, नारंगी, एप्पल बेर जैसे फलों के 15 सौ पेड़ हैं. उन्होंने अलग-अलग तरह के पेड़ लगाए ताकि उपज लेने के लिए ज्यादा इंतज़ार न करना पड़े. साल के अलग-अलग मौसम में अलग-अलग पेड़ों से उपज मिलती है इस तरह उनका कोई भी मौसम बिना फलों की बिक्री के नहीं जाता. फलों के अलावा, सब्जियों से भी फायदा मिलता है. जमीन के एक हिस्से में मौसमी सब्ज़ियां भी लगाते हैं, जिनमें पत्तागोभी, लौकी, आलू, गाजर, खीरा, पेठा, करककड़ी, कद्दू, तोरई, टमाटर, भिंडी आदि शामिल हैं. इस तरह अलग-अलग फल और सब्जी उगाकर वह रोजाना कमाई कर रहे हैं.
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मल्टी-क्रॉपिंग के फायदे- सुरेश ने बताया कि वह 2 एकड़ की ज़मीन पर वह करीब 10 तरह की सब्ज़ियों की खेती करते हैं. मल्टी-क्रॉपिंग का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हर दिन उनके खेत से किसी न किसी सब्जी की उपज आती है और अगर किसी एक सब्ज़ी का दाम कम होता है तो दूसरी का थोड़ा बढ़ता है। इसके अलावा वह कभी भी अपनी सब्ज़ियों को सब्ज़ी-मंडी में नहीं बेचते, बल्कि सीधे अपने ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. क्योंकि शहर तक सब्ज़ी मंडी में सब्ज़ियां पहुंचाने में खर्च आता है और फिर वहां पर बहुत कम कीमत में सब्ज़ियां खरीदी जाती हैं. इसलिए उन्होंने अपने बाग में ही सब्ज़ी-मंडी शुरू की. लोगों को यहां कम रेट पर सब्जी दी जाती लेकिन परिवहन खर्च बचने से मुनाफा ही होता है.
इसके अलावा, उन्होंने दो कामगार रखे हैं जो फल और सब्जियों को गांवों में रेहड़ी पर रखकर बेचते हैं और दिन की कमाई शाम को सुरेश को दे देते हैं. इसे वह ‘डेली इनकम मॉडल,’कहते हैं जिसके ज़रिए वह अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं उनकी सब्ज़ियों और फलों की बिक्री की एक वजह यह भी है कि, वह जैविक खेती करते हैं. उनकी ज़मीन पर उगने वाली हर फसल जैविक तरीकों से पनपती है, इसका स्वाद बिल्कुल ही अलग होता है.
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