किसान समय के साथ-साथ खेती के नए तरीकों को अपना रहे हैं. ऐसे में प्राकृतिक खेती अपनाकर किसान अपनी पैदावार अच्छी कर रहे हैं. प्राकृतिक खेती से किसानों की पैदावार ही नहीं बल्कि इनकी आमदनी भी बढ़ रही है. इसी कड़ी में आज हम हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले किसान कुलवंत राज के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाया और आज वह हर साल लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. कुलवंत कहते हैं कि उन्होंने इस खेती के लिए जिले के कृषि विभाग से सात दिन की ट्रेनिंग ली थी. कुलवंत का पूरा परिवार खेती का काम करता है. तो आइये जानते हैं विस्तार से...
कितनी जमीन में होती है खेती
उनके पास अपनी 5 बीघा की जमीन है, जिसमें वह खेती किया करते हैं, इसके अलावा वह तीन बीघा की जमीन को लीज पर ले रखे हैं. कुलवंत कहते हैं कि शुरु में प्राकृतिक खेती के बारे में अच्छी जानकारी न होने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब उन्होंने पूरी तरह इसमें सफलता हासिल कर ली है.
प्राकृतिक खेती के फायदे
प्राकृतिक खेती के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा इस विधि से मिट्टी का उपजाऊपन बढ़ता है और साथ ही हमें रासायनिक खाद पर निर्भर भी नहीं होना पड़ता है. इससे मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार होता है और इसकी जलधारण क्षमता भी बढ़ती है.
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कितनी होती है कमाई
कुलवंत राज के इस कदम के चलते उनके जिले के लोग काफी ज्यादा प्रभावित हुए हैं और उनके साथ-साथ गांव के लोगों ने भी प्राकृतिक खेती करना शुरू कर दिया है. वह बताते हैं कि अभी तक वह गांव के तीन सौ से ज्यादा लोगों को जागरूक कर चुके हैं. उनका कहना है कि प्राकृतिक खेती में हमको दो से तीन हजार रुपये खर्च करने होते हैं, जबकि रासायनिक खेती में 15 से 20 हजार रुपये का खर्च आ जाता है. इस कम लागत के कारण हमारा मुनाफा काफी अच्छा हो गया है, पहले हम 40 से 50 हजार रुपये की बचत कर पाते थे, लेकिन प्राकृतिक खेती से उत्पादन बढ़ने के कारण हमारी बचत एक लाख रुपये तक की हो जाती है.
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