यह कहानी मजदूर से लखपति बनने वाले किसान की है.आपने सीख देने वाली अनगिनत कहानियां पढ़ी होंगी. लेकिन इन किसान की कहानी जोरदार है. पहले पचास रुपए की दिहाड़ी करने वाले झारखंड के गंसू महतो आज सालाना पचास लाख रुपए कमा रहे हैं. बंजर भूमि पर खेती की शुरुआत करने वाले महतो ने मात्र दो साल के दौरान खेती में मिसाल पेश की है. आज उनका परिवार भी उनका खेती में पूरा सहयोग करता है.
राज्य के सदमा के गांव के किसान महतो पहले साइकिल चलाकर मजदूरी करने के लिए मजबूर थे. लेकिन छत्तीसगढ़ में किसानी के कुछ गुर सीखने के बाद महतो ने दो साल के भीतर ही सब्जी एवं फूलों की खेती से लाखों की कमाई कर रिकार्ड कायम कर रखा है.
उन्होंने न केवल आमदनी हासिल की बल्कि अपनी खेती योग्य जमीन के रकबे में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी कर ली है. आज वह नौ एकड़ भूमि पर खेती करते हैं. इस दौरान वह जरबेरा की खेती से साल में लगभग 35 लाख रुपए कमाते हैं. साथ ही सब्जी की खेती से 15 लाख रुपए तक कमाई करते हैं.
झारखंड में उनकी खेती का बोलबाला कुछ यूं हो गया है कि लोग दूर-दूर से उनसे प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं. उनकी खेती की खासियत है कि वह स्प्रिंकलर विधि से पौधों की सिंचाई करते हैं जिसके लिए सरकार द्वारा 90 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है.
उनका मानना है कि समय पर पौधों की सिंचाई करनी चाहिए. स्प्रिंकलर विधि से पानी की बचत होने के साथ ही खर-पतवारों पर नियंत्रण होता है. तो वहीं महतो खेती में रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
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