हमारे देश की आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है. ऐसे में भारत सरकार भी किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिसमें राज्य सरकारें भी मिलकर किसानों के विकास के लिए काम कर रही हैं. सरकार पारंपरिक खेती के अलावा कैश क्रॉप जैसी खेती के लिए भी किसानों को विभिन्न योजनाओं के जरिए प्रोत्साहित कर रही है. जो उनके आर्थिक विकास में भी सहायक हो. इसी कड़ी में हरियाणा के बागवानी विभाग की मदद से फरीदाबाद के रहने वाले किसान सूरज सिंह परंपरागत खेती छोड़कर अब विभिन्न प्रकार की सब्जियों जैसे कि गोभी, आलू, नींबू, पत्तगोभी आदि की खेती कर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.
सब्जियों से हो रही साल भर कमाई
सूरज सिंह ने बताया कि हरियाणा के बागवानी विभाग की मदद से सब्जियों की खेती शुरू की. बागवानी विभाग द्वारा उन्हें समय-समय पर सब्जियों के बार में तमाम जानकारियां मिलती रहती थी. उन्होंने बताया कि बागवानी विभाग के लोग उनके घर आकर खेतों और सब्जियों के बारे में जानकारयां देते थे और सरकार के द्वारा शुरू की गई योजनाओं के बारे में भी उन्हें बताते थे.
आर्थिक लाभ
बागवानी विभाग की मदद के बाद उन्होंने गेहूं और चावल की खेती छोड़ सब्जियों की खेती शुरु की. सब्जियों की खेती से उनके घर की आर्थिक समस्याएं भी धीरे-धीरे सुधरने लगी. बागवानी विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, सूरज पहले जब धान और गेहूं की खेती करते थे तो छमाही पैसा मिलता था. इसमें पहला बैसाख में और दूसरा बरसात के मौसम में ही कमाई होती थी, लेकिन सब्जियों की खेती से अब वह पूरे वर्ण कमाई कर रहे हैं. सब्जियों की खेती से उनके घर की आर्थिक समस्याएं भी सुलझने लगी हैं.
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किसानों की सुझाव
सूरज सिंह ने कहा कि किसानों को अब पारंपरिक खेती को छोड़कर विविधिकरण खेती को अपनाना चाहिए. किसानों को आलू, गोभी, नीबूं और बैंगन की खेती करनी चाहिए. पारंपरिक खेती के साथ-साथ दूसरे फसलों और सब्जियों की खेती भी करनी चाहिए. उन्होंने किसान भाइयों को सलाह दी कि अपने उत्पाद की ग्रेडिंग, तोराई, छंटाई और पैकिंग करके आप फसल की बिक्री अच्छे दाम पर कर सकते हैं. इसके जरिए आपकी कमाई तीन से चार गुनी तक हो सकती है.
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