डेयरी का व्सवसाय काफी अच्छा माना जाता है. इसके माध्यम से आज के समय में किसान काफी अच्छी कमाई कर रहे हैं. ऐसे में राजस्थान के एक किसान ने डेयरी के साथ बायोगैस प्लांट की भी स्थापना की है, जिसके माध्यम से वह अपनी गाय के गोबर को इकट्ठा कर बायोगैस का निर्माण करते हैं और इसमे बचे हुए गोबर का इस्तेमाल खाद के तौर पर किया जाता है.
बायोगैस प्लांट की भी स्थापना
राजस्थान के डेयरी किसान रामनाथ सिंह के पास करीब 250 गायें हैं. वह इन गायों से प्राप्त दूध को बेचकर कमाई तो कर ही रहें हैं. इसके अलावा वह इन गायों के गोबर से गैस का भी उत्पादन कर रहे हैं. रामनाथ बताते हैं कि इस बारे में उन्हें कोई भी जानकारी नहीं थी. उनके एक शहरी दोस्त ने गाय के गोबर के इस्तेमाल के बारे में बताया. इस जानकारी के बाद उन्होंने अपनी डेयरी फार्म के बगल में ही बायोगैस प्लांट भी लगाया, जिसमें वह बायोगैस और जैविक खाद बनाने के लिए गाय का गोबर इकट्ठा करते हैं
बायोगैस प्लांट का आकार
रामनाथ सिंह ने अपनी 200 मीटर की जमीन पर इस प्लांट को स्थापित किया है. प्लांट दोनों तरफ नालियों से जुड़ा हुआ है, जिसमें गाय का मल पानी के साथ प्लांट में भरा जाता है. इसके बाद प्लांट में बनने वाली गैस को पाइप के जरिए इकट्ठा किया जाता है और फिर पाइपलाइन के माध्यम से पूरे गांव के घरों में पहुंचाया जाता है. प्लांट के निचले हिस्से में बचे गोबर को खाद के रुप में इस्तेमाल किया जाता है.
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गांव में होती है सप्लाई
रामनाथ के इस बायोगैस प्लांट की मदद से आज पूरे गांव का चूल्हा जल रहा है. वह बचे हुए गोबर से जैविक खाद का निर्माण करते हैं, जिसका उपयोग पूरे गांव के किसान करते हैं. रामनाथ सिंह कहते हैं कि बायोगैस प्लांट की शुरुआत उन्होंने 2018 से की थी और धीरे-धीरे इसको हमने बड़े आकार में कर पूरे गांव में बिजली देना शुरु कर दिया.
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