बिहार के जमुई जिले के दो युवकों ने पारंपरिक खेती को छोड़ सब्जी की खेती शुरु की. आज दोनों सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं. दोनों युवाओं के नेट हाउस में कई तरह की सब्जियां जिले के आकर्षण का केंद्र बन चुकी हैं. इनके बगीचे में उजली और हरा गोभी तो हर तरफ देखने को मिलती है लेकिन लाल, पीली और बैंगनी गोभी ने नेट हाउस की शोभा को बढ़ा दिया है. इटालियन टमाटर, शिमला मिर्च सहित कई तरह की सब्जियां जमुई में पहली बार उगाई जा रही हैं.
रोजगार की तलाश छोड़ खेती की
किसान राजा बाबू केसरी के पास कृषि स्नातक की डिग्री है, वहीं राघवेंद्र सिंह बीए पास हैं. दोनों युवा रोजगार न मिलने के कारण सब्जियों की खेती के माध्यम से अपनी तकदीर बदल दी. उन्होंने सिर्फ 15 कट्टे की जमीन से सब्जियों की खेती की शुरुआत की और आज दोनों युवा किसान दो एकड़ से अधिक के खेत में सब्जियां उगाकर सालाना 9 से 10 लाख की कमाई कर रहे हैं. सब्जियों की खेती कर रहे दोनों युवा किसान पारंपरिक खेती से लागत भी नहीं निकल पा रहे थे, लेकिन नई तकनीक से उगाई गई सब्जियों ने इनकी किस्मत बदल दी.
योजनाओं से फायदा
दोनों युवाओं ने सरकार की योजना का लाभ लेते हुए सब्जियों की खेती की. इसके अलावा नेट हाउस का निर्माण कराया और दो एकड़ से अधिक जमीन में कई प्रकार की सब्जियों की खेती की, जो काफी अच्छे मुनाफे का सौदा रहा.
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दोनों युवा किसान ने बताया कि उनकी सब्जी बिहार के मुंगेर,लखीसराय, नवादा,भागलपुर सहित राज्य से बाहर लखनऊ और बनारस तक बेचा जा रही हैं.
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