बिहार के किशनगंज जिले के मिर्जापुर गांव के प्रगतिशील किसान जयन्त कुमार सिंह ने चाय की खेती में अद्वितीय सफलता हासिल की है. बेरोजगारी के कारण चाय की खेती को अपनाने की दिशा में संघर्ष करते हुए, उन्होंने बिहार सरकार के अनुदान का लाभ उठाया और 03 एकड़ भूमि पर चाय की खेती शुरू की. आज, उनके बागान का क्षेत्रफल 14 एकड़ तक पहुंच चुका है, जिससे 10-12 मजदूरों को रोजगार मिला है. उनके प्रयासों से मिर्जापुर पंचायत के 100 से अधिक किसानों को भी चाय की खेती के प्रति जागरूक किया गया है, जिससे क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ी है. ऐसे में आइए प्रगतिशील किसान जयन्त कुमार सिंह की सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-
प्रारंभिक संघर्ष और प्रेरणा
प्रगतिशील किसान जयन्त कुमार सिंह ने चाय की खेती में नई ऊंचाइयों को छूकर अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है. जयन्त कुमार सिंह एक स्नातक हैं और बेरोजगारी के चलते उन्होंने चाय की खेती में करियर बनाने का विचार किया. दार्जिलिंग के सीमावर्ती क्षेत्रों में चाय की खेती की समृद्ध परंपरा को देखकर उन्होंने इस क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाने का संकल्प लिया. हालांकि, प्रारंभिक लागत और उच्च निवेश की बाधाओं के कारण वह तुरंत इस व्यवसाय को अपनाने में असमर्थ रहे. परंतु उन्होंने अपनी लगन और प्रयासों से हार मानने के बजाय इस दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया.
अनुदान योजना का लाभ
वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार सरकार ने चाय की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए अनुदान की योजना लागू की. इस योजना के तहत, जयन्त कुमार सिंह ने अपने गांव मिर्जापुर में चाय की खेती की शुरुआत की. उन्होंने 03 एकड़ भूमि पर चाय की खेती की योजना बनाई और इस परियोजना में निवेश किया. प्रारंभ में, यह एक जोखिम भरा कदम था, लेकिन सिंह ने अपनी मेहनत और समर्पण से इसे सफल बनाने की ठानी. चाय की खेती के लिए उन्होंने स्थानीय संसाधनों का उपयोग किया और कृषि विशेषज्ञों की सलाह भी ली.
सफलता की दिशा में कदम
जयन्त कुमार सिंह की मेहनत और समर्पण का परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. आज उनके चाय बगान का विस्तार 14 एकड़ तक हो चुका है. इस विस्तार के साथ ही, उन्होंने 10-12 मजदूरों को नियमित रोजगार भी प्रदान किया है. इससे न केवल उनके अपने जीवन में सुधार हुआ है, बल्कि स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है. चाय के बागान में काम करने वाले मजदूर अब नियमित आय प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उनके परिवारों की जीवनशैली में सुधार हुआ है.
किसानों के लिए प्रेरणा
जयन्त कुमार सिंह ने अपनी सफलता को केवल अपने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्होंने मिर्जापुर पंचायत के लगभग 100 से अधिक किसानों को भी चाय की खेती से जोड़ने में मदद की है. उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया, जिससे इन किसानों ने चाय की खेती को अपनाया और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया. सिंह के प्रयासों से क्षेत्र में चाय की खेती के प्रति जागरूकता और रुचि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
क्षेत्रीय विकास और भविष्य की दिशा
जयन्त कुमार सिंह की यात्रा एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि सच्ची लगन, मेहनत, और सही अवसर के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है. उनकी सफलता ने इस क्षेत्र के किसानों को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित किया है और उनके प्रयासों ने बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में चाय की खेती को नया जीवन दिया है.
सरकार द्वारा प्रदान किए गए अनुदान और सिंह के अथक परिश्रम ने मिर्जापुर पंचायत के किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है. आज, मिर्जापुर पंचायत के किसान चाय की खेती में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहे हैं. जयन्त कुमार सिंह का यह प्रयास न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन चुका है. उनकी कहानी यह सिद्ध करती है कि सही दिशा और समर्थन के साथ, कोई भी सपना साकार किया जा सकता है.
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