वैसे अगर बात करें फूलों की तो फूल तो सबको पसंद होते हैं. हर फूल अपनी अलग सुगंध और ख़ूबसूरती के लिए जाना जाता है. यही कारण है कि हर एक मौके पर फूलों का उपयोग किया जाता है. फूलों से लगाव रखने वाले उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के अंकित कुमार ने कुछ ख़ास तरह के फूलों को उगाना शुरू कर दिया. जैसे जैसे फूल खिलते गए अंकित का बिजनेस भी खिल उठा और आज वो इससे अच्छी कमाई भी ले रहे हैं.
अंकित ने बताया कि फूलों की खेती लाभदायक तो है, लेकिन इसमें आपको इस बात का ख्याल रखना बहुत जरुरी होता है कि कौन सा फूल आपको लाभ दे सकता है. इसको ध्यान में रखते हुए मैंने ग्लेडियोलस की खेती शुरू की। ग्लेडियोलस के फूलों का उपयोग साज-सज्जा व गुलदस्ते के रूप में किया जाता है। चाहे शादी-पार्टी हो या कोई शुभ कार्य सभी जगह साज-सज्जा के लिए गुलाब व ग्लेडियोलस के फूलों का उपयोग बहुतायत में होता है।
अंकित के पिता किसान हैं। पिता का सहयोग करने के लिए अंकित ने एग्रीकल्चर की पढ़ाई। उन्होंने प्लाइंट ब्रिडिंग में एमएससी किया है। मेरठ में गन्ने की खेती सबसे ज्यादा होती है। लेकिन इसमें पेमेंट की दिक्कत ज्यादा है। वो इनसे अलग हटकर खेती करना चाहते थे। जिसे बेचकर हाथों-हाथ पैसे मिल सके। ग्लेडियोलस एक वेलकम ट्रेडमार्क के रूप में फेमस फूल है। इसलिए इसकी खेती शुरू की।
एग्री क्लिनिक एंड एग्री बिजनेस का कोर्स करने के बाद अंकित ने अपना पूरा समय फ्लोरकल्चर पर दिया। 2 एकड़ में ग्लेडियोलस की खेती शुरू की। जुलाई से अगस्त के दौरान इसकी खेती होती है। इसकी चार किस्में अमेरिकन ब्यूटी, समर सनसाइन, कैंडी मैन और व्हाइट प्रॉस्पेरिटी शामिल है। बोने के 70 दिनों में पौधे में फूल खिलने लगते हैं।
अंकित का कहना है कि शुरुआत में मुझे सीड्स मिलने में परेशानी हुई। किसानों से सीड्स लेकर इसकी खेती शुरू की। एक एकड़ में ग्लेडियोलस की खेती पर करीब 1.50 लाख रुपए का खर्च आता है। एक बंडल में 24 स्टिक होते हैं और बाजार में इसकी कीमत 30 से 250 रुपए सीजन के हिसाब से मिल जाती है।
ग्लेडियोलस की खेती से अंकित सालाना 10 लाख रुपए का कारोबार कर लेते हैं। इसमें से उनको 20 फीसदी यानी 2 लाख रुपए का नेट प्रॉफिट हो जाता है।
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