देश में आमतौर पर लोग गोबर को बेकार की चीज समझते हैं, शहरी क्षेत्र में तो गोबर शिट से कम नहीं है. यहां तक की दूसरों को दिमागी कमजोर बताने के लिए लोग आसानी से कह देते हैं, तुम्हारे दिमाग में गोबर भरा है? या फिर गोबर गणेश कहने से भी नहीं चूकते. लेकिन यही गोबर किसानों और पशुपालको को मालामाल कर सकता है.
गांवों में गाय-भैंस के गोबर का इस्तेमाल अधिकतर पशुपालक उपले बनाने के लिए करते नजर आते हैं या तो फिर उसे बेकार समझ कर फेंक देते हैं. हालांकि, आज के दौर में गोबर का उपयोग उपले बनाने से लेकर खेतों के लिए खाद बनाने के तौर पर किया जा रहा है. इसके अलावा गोबर से कई अन्य तरह के प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं, जिनकी मार्केट में बेहद डिमांड है. अब सरकार भी गोबर का उपयोग मुनाफे के लिए करने के लिए नई योजना ला रही है. ऐसे में किसानों और पशुपालकों को गोबर के इन उपयोगों के बारे में बताने जा रहे हैं.
गोबर से कागज बनाना
गाय-भैंस के गोबर का इस्तेमाल करके पेपर तैयार किया जा सकता है. भारत सरकार भी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से पशुपालकों से गोबर खरीद उन्हें आर्थिक तौर पर सहायता प्रदान किया जाएगा.
गोबर से बनाएं मूर्ति और गमले
गोबर से इन दिनों मूर्तियां बनाने का चलन भी बढ़ा है. मिट्टी के मुकाबले गोबर से मूर्तियां बनाने में लागत कम आती है और आप मुनाफा भी ज्यादा कमा सकते हैं गोबर से मूर्तियां बनाने के लिए मेक इन इंडिया, क्लीन इंडिया व ग्रीन इंडिया के तहत अभियान भी चलाया जा रहा है. महिलाएं इस तरह के काम में बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं. इसके अलावा गोबर का उपयोग गमले बनाने में भी किया जाता है.
गोबर से बायोगैस प्लांट का बिजनेस
गोबर से बनी बायोगैस प्लांट लगवाकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं. प्लांट लगाने के लिए सरकार से भी आर्थिक मदद प्राप्त कर सकते हैं.
अगरबत्ती बनाने में उपयोग
अगरबत्ती बनाने में गोबर का उपयोग किया जाता है. कई कंपनियां पशुपालकों से ठीक-ठाक दामों पर गोबर खरीदती हैं और उसका उपयोग सुगंठित अगरबत्तियां बनाने में करती हैं.
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खाद बनाने में उपयोग
वर्तमान में सरकार भी किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसकी खेती में खाद के तौर पर गोबर का इस्तेमाल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है इसके उपयोग से किसान जीवामृत से लेकर केंचुआ खाद बना कर उसका उपयोग कर अपने फसलों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं.
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