फूलों को एक अलग ही स्थान प्राप्त है. फूलों की सुगंधित महक से मनुष्य के साथ- साथ वातावरण भी महकने लगता है. केवल फूलों से ही कई सारे उत्पाद तैयार किए जाते हैं. फूल मनुष्य जन्म से लेकर मरण तक बहुत अहम भूमिका निभाता है. फूलों को हर एक धर्म में शुभ माना गया है. मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरुद्वारा आदि में लोग अपनी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर फूलों को अर्पित करते हैं. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय पुष्पकृषि डेटाबेस की रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2019-20 के दौरान भारत में फूलों की खेती 305 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्रफल में की गई थी, जिसमें शिथिल फूलों का उत्पादन 2301 मिलियन टन और खुले फूलों से 762 हज़ार टन उत्पादन प्राप्त हुआ था. उत्पादन के साथ अपशिष्ट भी काफी अधिक है. इसी कड़ी में आज इस लेख के माध्यम से कुछ समाधान लेकर आएं हैं.
इतना फूल होता है वेस्ट
हिस्ट्री टीवी 18 के आंकड़ो को देखें तो भारत में हर दिन 80 करोड़ टन फूल मंदिरों से नदियों में बहाया जाता है. फूलों में लेड, आर्सेनिक, कैडमियम जैसे हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं, जो नदियों के पानी का दूषित करते हैं. इस लेख का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है. लेकिन इसके लिए कुछ उपाए किए जा सकते हैं, जिससे लोग मंदिरों में फूलों को चढ़ाएं, मगर बाद में उन्हीं फूलों को किसी और कार्य में इस्तेमाल किया जा सकता है.
क्या है समाधान
भारत में फूलों का उत्पादन जितनी अधिक मात्रा में है और उतना ही फूलों से उत्सर्जित होना वाला अपशिष्ट भी है. फूलों के अपशिष्टों से आप सदउपयोग में ला सकते हैं. जैसे की नदियों, धार्मिक स्थलों से फूलों को एकत्रित करके उससे आप खाद, अगरबत्ती, मच्छर भगाने की अगरबत्ती, औषधिय दवा, इत्र, आर्ट एंड क्रॉफ्ट बना सकते हो.
सूखे फूलों से खाद
फूलों को आप खाद के रूप में इस्तेमाल में ला सकते हैं. खास बात यह कि ये खाद पूरी तरह से जैविक होगी. आप अपशिष्ट फूल (Waste Flowers) को इकत्रित कर उसे धूप में अच्छे से सूखा लें. फिर एक लकड़ी या मिट्टी के बर्तन में उसे डाल दें और 10 दिनों के अंतराल पर फूलों को पलटते रहें. इसमें आप गाय का गोबर मिश्रित कर सकते हैं. अब एक महीने के भीतर आपकी फूलों की खाद बनकर तैयार हो जाएगी. फिर इसे छान लें और ताकि खाद से धागे अलग हो जाएं और अब यह खाद आप अपने बागों और खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं.
फूलों से अगरबत्ती
फूलों से अगरबत्ती भी बनाई जा सकती है. जिसके लिए सबसे पहले फूलों को धूप में अच्छे से सूखा लें. उसके बाद फूलों में से पत्तियों को अलग कर के सूखा लें. फिर पत्तियों को पीसकर पाउडर में तब्दिल किया जाता है और फिर इसमें पानी डालकर आटे की तरह गूंथा जाता है. फिर लकड़ी की पतली सीख की सहायता अगरबत्ती के आकार दे दें.
फूलों से दवा
फूलों में औषधिय गुण पाया जाता है, जिस वजह से इसका इस्तेमाल दवा के तौर पर भी किया जाता है. गुलाब के फूलों को अलग कर उसे साफ कर उसे अच्छे से सूखा लें. फिर उसका पीसकर पानी मिला लें. आपका गुलाब जल तैयार हो जाएगा, इसे चेहरे पर लगाते रहें.
तो वहीं आपने देखा होगा कि मंदिरों में सबसे अधिक में गेंदें के फूलों का उपयोग किया जाता है. आप इन फूलों को घर पर लाकर इसका लेप बनाकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे दूर हो जाएंगे.
मच्छर भगाने की अगरबत्ती
फूलों से अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया पहले जैसे ही है, लेकिन मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती बनाने के लिए इसमें मच्छर भगाने वाली दवा मिलाई जाती है. फिर आपके घर पर कभी मच्छर नहीं आएंगे.
आर्ट एंड क्राफ्ट
आप वेस्ट फूलों को आर्ट एंड क्रॉफ्ट में और घरों के लिए सजावट का सामान बना सकते हैं. फूलों की पत्तियों से आप विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां बना सकते है. आपको इंटरनेट पर कई प्रकार के डिजाइन मिल जाएंगे जिनकी सहायता से आप कई सजावटी सामान बना कर इस्तेमाल कर सकते हैं.
फूलों से बनेगा इत्र
इन दिनों बाजार में तरह-तरह के सुगंधित परफ्यूम आते हैं. लेकिन उसे बनाने में कई प्रकार के कैमिकलों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आप सूखे और अपशिष्ट फूलों का इत्र बना सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले फूलों की पंखुड़ियों को अलग कर लें. फिर पानी मिलाकर इसे पीसकर इसका रस निकाल लें. अब छन्नी की सहायता से इसके रस को अलग कर लें. अब रस को कांच की बोतल में रख दें.
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