देश के पशुपालन भाइयों के लिए सरकार हमेशा कुछ न कुछ नई स्कीम लाती रहती है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार की सहायता से राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर दुग्ध उत्पादन में वृद्धि (increase in milk production) करने के लिए कदम उठा रही है.
बता दें कि सरकार की तरफ से पशुपालकों को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए उनके पशुओं का बीमा (animal insurance) करवाती है. ये ही नहीं सरकार की तरफ से डेयरी फार्मिंग खोलने के लिए भी सरकार सब्सिडी देती है.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पशुपालकों के लिए सरकार ने डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिससे राज्य के लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही और साथ में राज्य में दुध उत्पादन (milk production) में भी बढ़ोतरी होगी.
डेयरी क्षेत्र के लिए 350 करोड़ का प्रस्ताव
जम्मू कश्मीर में लोगों को रोजगार देने के लक्ष्य के उपलक्ष्य पर सरकार आने वाले 5 साल में डेयरी क्षेत्र में लगभग 600 उपक्रम यानी नए-नए केंद्र को विकसित करेगी और साथ ही इसके लिए सरकार ने 350 करोड़ रुपए खर्च का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सरकार ने एक पूरा खाका तैयार किया है. जिससे पशुपालकों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े.
सरकार का यह भी कहना है कि अब राज्य सरकार सीधे तौर पर पशुपालकों से जुड़ने का काम करेगी. बता दें कि राज्य में इन नए उपक्रम के माध्यम से लगभग 16000 युवाओं को नौकरी मिलेगी. ताकि राज्य में बढ़ती बेरोजगारी को भी कम किया जा सके.
दूध उत्पादन में 44 लाख टन का लक्ष्य
कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू का कहना है कि जम्मू कश्मीर में वर्तमान समय में सालाना दूध का उत्पादन करीब 26 लाख टन तक किया जा रहा है, जिसे बढ़ाने के लिए सरकार ने यह प्लान तैयार किया है.
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इस परियोजना के मुताबिक, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में दूध का यह आंकड़ा बढ़कर करीब 44 लाख टन तक का लक्ष्य होने की संभावना है.
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