देश के कई राज्यों में इन दिनों किसानों की खेतीबाड़ी के साथ–साथ पशुपालन व्यवसाय में भी काफी रूचि बढ़ रही है. पशुपालन में किसान मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) का बढ़चढ़ कर व्यवसाय कर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं.
वहीं, दूसरी तरफ सरकार भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही है, ताकि किसानों को अधिक से अधिक मुनाफा प्राप्त हो सके और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो सके. इसके अलावा कुछ महीनों पहले वित्त मंत्री ने भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज (Self-Reliant Package To Promote Beekeeping ) का ऐलान किया था, जिसमें 500 करोड़ की योजना शामिल थी.
मधुमक्खी पालन के लिए सब्सिडी (Subsidy For Beekeeping)
वहीँ, देश के कई राज्यों में मधुमक्खी पालन व्यवसाय की शुरू करने के लिए पशुपालकों को सब्सिडी (Subsidy) भी मुहैया की जाती है, साथ ही केंद्र सरकार भी मधुमक्खी पालन पर 80 से 85% तक सब्सिडी देती है.
नाबार्ड भी दे रहा बढ़ावा (NABARD Is Also Promoting)
मधुमक्खी पालन के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) ने नाबार्ड (NABARD) के साथ समझौता कर रखा है, जिसमें दोनों मिलकर देश में मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए फाइनेंसिंग योजनाओं को भी संचालित किया है.
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मधुमक्खी पालन फायदे का सौदा (Beekeeping Profit)
किसानों के लिए मधुमक्खी पालन व्यवसाय फायदे का सौदा होता है, क्योंकि यह ऐसा व्यवसाय है, जिसमें लागत कम लगती है और मुनाफा लागत से ज्यादा प्राप्त होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए 35 से 40 हजार रूपए का खर्च आता है.
जिसमें मधुमक्खियों की संख्या के अनुसार हर साल इस व्यवसाय में आमदनी में बढ़ोत्तरी होती जाती है. मधुमक्खी से प्राप्त शहद की कीमत बाज़ार में अधिक होती है. जिससे उपयोग से कई खाद्द उत्पादों का निर्माण किया जाता है. जिनकी बाज़ार में बहुत अधिक मांग रहती है, साथ ही इनके निर्यात भी दूर देशों में भी किया जाता है. यदि कोई भी किसान भाई मधुमक्खी पालन व्यवसाय को शुरू करने की चाह रखता है, तो वह इस व्यवसाय में लाखों रुपए की कमाई चंद महीने में कर सकता है.
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