हमारे देश और ख़ास कर हिन्दू सभ्यता में कुछ चीजों को लेकर धार्मिक मान्यताएं और अंधविश्वाश, दोनों का बर्चाश्व आज भी कायम है. धार्मिक और वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण की घटना बहुत ही खास मानी जाती है. लेकिन इसको लेकर समाज में फैलता अन्द्विश्वास घातक साबित हो सकता है.
हिन्दू धर्म में ग्रहण को अशुभ माना जाता है, जबकि वैज्ञानिक रूप से देखा जाए, तो ये मात्र एक खगोलीय घटना है. जिसका शुभ और अशुभ जैसे घटनाओं से कोई लेना देना नहीं है.
जानकारों की मानें, तो इस साल कुल 4 ग्रहण लगने वाले हैं. जिनमें से 2 सूर्य ग्रहण (solar eclipse) और 2 चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) होंगे. धार्मिक दृष्टिकोण से हिन्दू पंचांग में सूर्य ग्रहण (solar eclipse) बहुत महत्वपूर्ण है.
सूर्य ग्रहण (solar eclipse) के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान ग्रहण के दौरान अपने भक्तों से गुस्सा हो सकते हैं, जिसको लेकर सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान की भी पूजा भी नहीं की जाती है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण और अनोखी खगोलीय घटना है. हर साल वैज्ञानिकों के लिए ये एक अध्ययन का विषय होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल का पहला सूर्यग्रहण (First solar eclipse) 30 अप्रैल 2022 को लगेगा. इस सूर्य ग्रहण को आंशिक ग्रहण माना जा रहा है. तो कब पड़ रहा है सूर्य ग्रहण और कब से शुरू होगा इसका सूतक काल, आइये जानते हैं.
साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण (First solar eclipse of the year 2022)
सूर्य ग्रहण की तिथि (Solar eclipse date)
30 अप्रैल, शनिवार 2022
सूर्य ग्रहण का समय (Time)
दोपहर 12:15 से सायं 04:07 बजे तक
ग्रहण की स्थिति (Solar eclipse position)
आंशिक ग्रहण
कहां- कहां दिखेगा (where will you see solar eclipse)
दक्षिणी/पश्चिमी अमेरिका, पेसिफिक अटलांटिक और अंटार्कटिका में
सूतक काल (sutak period)
मान्य नहीं
सूर्य ग्रहण का नक्षत्र (Solar eclipse constellation)
ये ग्रहण भरणी नक्षत्र में लगेगा, जो वृषभ राशि को प्रभावित करेगा. खगोलशास्त्रियों के अनुसार ये ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा, जबकि दूसरा सूर्य ग्रहण (Second Solar Eclipse) 25 अक्टूबर 2022 को लगेगा.
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कब होता है सूर्य ग्रहण? (When does solar eclipse happen?)
जब सूर्य और पृथ्वी की परिक्रमा करता हुआ चंद्रमा एक दूसरे के सामने आ जाते हैं, तब चंद्रमा का आकार तुलनात्मक रूप से छोटा होने के कारण सूर्य एक चमकती हुई अंगूठी की तरह नजर आने लगता है, तब पूर्ण सूर्य ग्रहण पड़ता है. पूर्ण सूर्य ग्रहण केवल उत्तर भारत के कुछ हिस्सों पर ही दिखेगा, जबकि देश के बाकी हिस्सों में यह आंशिक रूप से नजर आएगा.
मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान इन कार्यों से परहेज करें (According to beliefs, avoid these activities during solar eclipse)
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सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार का शुभ या नया कार्य न करें.
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ग्रहण के दौरान भोजन खाना पकाना नहीं चाहिए.
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इस दौरान पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए, न ही तुलसी के पौधे और उसके पत्तों को छूना चाहिए.
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सूर्य ग्रहण लगने के बाद न तो घर से बाहर जाना चाहिए और न ही घर पर सोना चाहिए.
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सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
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इस दौरान चाकू और सुई का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए.
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