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एटीएम से जुड़ी ये बातें जरूर याद रखना...

दो सितंबर, 1969 को पहली बार ATM मशीन आम जनता के इस्तेमाल के लिए लगाई गई थी। इस सर्विस को केमिकल बैंक इन रॉकविल सेंटर, न्यूयॉर्क ने शुरू किया था। बीते सालों के दौरान ATM का सफर लगभग सभी देशों में पहुंच चुका है।

दो  सितंबर, 1969 को पहली बार ATM मशीन आम जनता के इस्तेमाल के लिए लगाई गई थी। इस सर्विस को केमिकल बैंक इन रॉकविल सेंटर, न्यूयॉर्क ने शुरू किया था। बीते सालों के दौरान ATM का सफर लगभग सभी देशों में पहुंच चुका है। अब तो लगभग हर किलोमीटर में कई ATM दिख जाते हैं। वैसे ATM बनने की कहानी काफी दिलचस्प है। हम आपको इससे जुड़ी कई रोचक बातें बता रहे हैं।

ऐसे बना ATM-  ATM को स्कॉटलैंड के जॉन शेफर्ड बैरन ने बनाया था। 1965 में एक दिन बैरन पैसे निकालने बैंक एक मिनट की देरी से पहुंचे है और बैंक बंद हो गया। इसके बाद उन्होंने सोचा की क्यों न एक ऐसी मशीन बनाई जाए जिससे 24 घंटे पैसे निकाले जा सके।

पहला ATM-  ATM को AUTOMATED TELLER MACHINE कहते हैं। कैश निकालने वाला पहला ATM 27 जून, 1967 को लंदन के बारक्लेज बैंक में लगाया गया था।

पिन की कहानी-  शैफर्ड बैरन ATM की पिन नंबर 6 डिजिट में रखना चाहते थे, लेकिन उनकी पत्नी कारोलीन को 6 डिजिट याद नहीं होते थे। इसलिए पिन 4 डिजिट का तय किया।

भारत में पहला ATM-  भारत में पहली बार ATM सर्विस 1987 में शुरू की गई थी। हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (HSBC) ने मशीन को मुंबई में लगाया था।

ATM से गोल्ड-  ATM से सिर्फ पैसे ही नहीं, बल्कि गोल्ड भी निकलता है। पहली गोल्ड-प्लेट निकालने वाली मशीन आबू धावी के अमीरात पैलेस होटल की लॉबी में लगाईं गई थी। इससे 320 तरह के गोल्ड आइटम निकाल सकते थे।

तैरने वाला ATM-  तैरने वाला पहला ATM केरल के कोचि में लगाया गया था। ये मशीन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने झंकार में लगाईं थी। इसकी ऑनर केरल शिपिंग एंड इनलैंड नेविगेशन कॉर्पोरेशन (KSINC) कंपनी थी।

बिना अकाउंट के ATM-  यूरोप के देश रोमानिया में बिना बैंक खाते के भी ATM का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, भारत समेत कई देशों में इस तरह की सुविधा नहीं है।

बायोमेट्रिक ATM-  ब्राजील में बैंकिंग ट्रांजेक्शन और पासवर्ड को ज्यादा सेफ बनाने के लिए बायोमेट्रिक ATM का इस्तेमाल किया जाता है। इन ATM पर यूज़र को पहले फिंगर स्कैन करना पड़ता है।

ATM के नाम- ATM को कई अलग नाम से जाना जाता है। यूके और न्यूज़ीलैंड में इसे कैशपोइन्ट या कैश मशीन कहते है।

कार्ड खाने वाला ATM- 1968 में बारक्लेज़ बैंक में लगाए गए ATM से पैसे निकालने के लिए कार्ड का इस्तेमाल होता था। ये कार्ड बैंक से लेना पड़ता था। हालांकि, कार्ड मशीन के अंदर ही रह जाता था और हर बार नया कार्ड लेना पढता था।

4 डिजिट के कॉम्बिनेशन ATM पिन- 4 डिजिट के पिन के 0 से 9 के बीच 10,000 संभव और वैलिड पासवर्ड का कॉम्बिनेशन मौजूद हैं। इनमें सबसे कॉमन 1234, 1111 और 0000 है। वहीँ सबसे काम यूज़ होने वाला पासवर्ड 8068 है।

चोरी हो तो- यदि कोई पैसा चोरी करने के इरादे से पूरी ATM को उठाकर ले जाए, तो इसे लेकर ज्यादा दूर नहीं जा सकता। दरअसल इस मशीन में एक चिप इंस्टॉल है, जिसे GPS से ट्रैक किया जा सकता है।

ATM में इंक-  ATM के अंदर जिस जगह पर नोट रहते हैं वहां पर एक ब्लू इंक वाली बोतल रहती है। यदि कोई जबरदस्ती नोट निकालने की कोशिश करता है या फिर मशीन तोड़ता है, तो ये इंक नोट पर फ़ैल जाती है।

सबसे ऊंचा ATM-  दुनिया का सबसे ऊंचा ATM नाथू-ला में है। इसकी ऊंचाई कुपूप से 14300 फ़ीट है। ये भारत-चीन बॉर्डर पर मौजूद आर्मी के लिए है।

भारत में जन्मे ATM इन्वेंटर-  जॉन शैफर्ड बैरन का जन्म 23 जून, 1925 को भारत के शिलॉन्ग (मेघालय) में हुआ था। उनके पिता विलफ्रिड बैरन चिटगांव पोर्ट कमिश्नर्स के चीफ इंजीनियर्स थे।

English Summary: Remember these things related to ATMs ... Published on: 06 December 2017, 05:47 AM IST

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