आजकल की जीवनशैली और अनियंत्रित आहार की वजह से, डायबिटीज एक आम समस्या बन चुकी है. यह एक अस्थायी रूप से उच्च रक्त शर्करा स्तर की स्थिति है, जो दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. मौजूदा वक्त में भारत में 10 करोड़ से अधिक डायबिटीज के मरीज हैं जबकि 2019 में यह आंकड़ा 7 करोड़ के आसपास था. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, डायबिटीज का वैसे तो कोई इलाज नहीं है, लेकिन स्टडीज से पता चलता है कि कुछ लोगों मे इसे रिवर्स जरूर किया जा सकता है यानी आहार में बदलाव और वजन घटाने के माध्यम से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है. कहते हैं- जहां चाह, वहां राह. इसमें शारीरिक अक्षमता भी बाधा नहीं बनती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है लता रामास्वामी ने.
गुरुग्राम की रहने वाली 68 वर्षीय लता रामास्वामी एक शिक्षिका होने के साथ ही मिलेट्स एक्सपर्ट भी हैं. जब उनकी उम्र 30 साल थी, तब उन्हें खुद के बॉर्डरलाइन डायबिटीज, जिसे प्रीडायबिटीज के रूप में जाना जाता है, होने का पता चला, लेकिन अपने आहार में बदलाव करने के बाद वह पिछले पांच सालों से डायबिटीज की वजह से डॉक्टर के पास नहीं गई हैं यानी अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव कर वह डायबिटीज को मात दे चुकी हैं. यह कैसे संभव हो पाया? लता रामास्वामी की जिंदगी कैसे बदली? यह सब जानने के लिए कृषि जागरण के वरिष्ठ पत्रकार विवेक कुमार राय ने लता रामास्वामी से विशेष बातचीत की. पेश है साक्षात्कार के संपादित अंश...
डायबिटीज खत्म करने का लक्ष्य
कृषि जागरण से बातचीत में लता रामास्वामी ने बताया कि डायबिटीज का पता चलने के बाद उन्होंने इलाज कराना शुरू किया. साथ में वह कई तरह के परहेज भी कराना शुरू कीं. इसके बाद भी उनका शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा था. उनके लिए समस्या तब खड़ी हुई जब एक दिन वो अपने पोते के साथ खेल रही थीं और उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें एक तरफ से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. इस घटना के बाद उन्होंने तुरंत चेकअप कराया और उन्हें पता चला कि शुगर की वजह से उनकी दाहिनी रेटिना पर असर पड़ा है जिस वजह से बिना चेहरा घुमाए उनके लिए दाहिनी तरफ देखना काफी मुश्किल हो रहा था. बस यही उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट था, जो ऐसा दृढ़ संकल्प लेकर आया कि फिर उन्होंने डायबिटीज कंट्रोल करने की बजाय उसे खत्म करने को अपना लक्ष्य बना लिया.
जिंदगी में मिलेट्स यानी मोटे अनाज की एंट्री
लता रामास्वामी ने बताया कि रेटिना की समस्या को ठीक करने के लिए उन्हें एक सर्जरी करानी पड़ी जिसके बाद उनकी आंख ठीक भी हो गई. हालांकि, इस दौरान उन्होंने मन में ठान लिया था कि वो अब डायबिटीज यानी शुगर को खत्म करके दिखाएंगी. इसके लिए वह समाधान तलाश करना शुरू कीं और कई तरह के मेडिकल जर्नल्स पढ़ीं, कई वीडियोज भी देखीं. इस दौरान उन्होंने पाया कि डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए उन्हें फाइबर युक्त चीजों का सेवन करना पड़ेगा जोकि ज्यादातर सब्जियों और फलों आदि में पाया जाता है. लेकिन एक इंसान कितना ही फल और सब्जियों का सेवन कर सकता है.
ऐसे में वह अपनी तलाश को जारी रखीं और इसी दौरान उन्हें ‘मिलेट मैन ऑफ इंडिया' खादर वल्ली के बारे में पता चला जोकि किसानों को मिलेट्स यानी मोटे अनाज उगाने के लिए प्रेरित करते हैं. साथ ही लोगों को गेहूं चावल की जगह मोटे अनाज का उपयोग करने के लिए प्रेरित करते हैं. मोटे अनाजों की पैरवी के साथ ही वह गेहूं और चावल के नुकसान से भी लोगों को अवगत कराते हैं. यहीं से लता रामस्वामी की जिंदगी में मिलेट्स यानी मोटे अनाज की एंट्री हुई.
मिलेट्स है पोषण का खजाना
मिलेट्स के बारे में जानकारी एकत्र करने पर लता रामास्वामी ने पाया कि मिलेट्स यानी मोटे अनाज पोषण का खजाना हैं. इनके सेवन से डायबिटीज बीमारी को मात दी जा सकती है. फिर क्या, उन्होंने अपने डाइट प्लान में बदलाव कर मोटे अनाज को शामिल कर लिया. उन्होंने बताया कि कई लोग शिकायत करते हैं कि मिलेट्स काफी हैवी होते हैं और उनके सेवन से काफी जल्दी पेट भर जाता है जबकि, कई लोगों को मिलेट्स की वजह से पाचन में दिक्कत आती है.
हालांकि, ऐसा कुछ भी नहीं है... लोग जब भी किसी चीज का सेवन करते हैं, या तो वे उसका सेवन अधिक मात्रा में करते हैं या फिर उन्हें पता ही नहीं होता कि उस चीज का सेवन कैसे करना है? मिलेट्स का सेवन करने के लिए जानकारी का होना जरूरी है. आपको यह समझना होगा कि आपको मिलेट्स का सेवन कब, कैसे और कितनी मात्रा में करना है? मेरा पूरा परिवार मिलेट्स से बने व्यंजनों का सेवन करता है और हम पूरी तरह स्वस्थ हैं. हमें पाचन संबंधी किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है.
डायबिटीज हो गया छूमंतर
लता रामास्वामी ने बताया कि जैसे ही उन्होंने अपनी डाइट में बदलाव किया और मिलेट्स का सेवन करना शुरू किया तो उन्हें परिणाम भी दिखने लगे. मात्र 15 दिनों में उनका डायबिटीज कंट्रोल हो गया जिसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि वह अब सिर्फ मिलेट्स का ही सेवन करेंगी और आज वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और डायबिटीज को मात दे चुकी हैं. मिलेट्स डाइट अपनाने के बाद वह पिछले पांच सालों से डायबिटीज की वजह से डॉक्टर के पास नहीं गई हैं.
5 पॉजिटिव मिलेट्स का सेवन/ 5 Positive Millets
उन्होंने आगे बताया कि वह 5 पॉजिटिव मिलेट्स/5 Positive Millets का सेवन करती हैं. वही अन्न को तीन श्रेणियों में बांटा गया है- पहला पॉजिटिव मिलेट्स, दूसरा न्यूट्रल मिलेट्स और तीसरा नेगेटिव अनाज. पॉजिटिव मिलेट्स में कुटकी, कोदो, कंगनी, सांवा और हरी कंगनी आदि शामिल हैं. जबकि, न्यूट्रल मिलेट्स में रागी, ज्वार, बाजरा चेना और मक्का आदि अनाज शामिल हैं. वहीं, नेगेटिव अनाज में गेहूं और चावल शामिल हैं.
मिलेट्स से डायबिटीज होगा जड़ से खत्म!
उन्होंने बताया कि हमारी सारी गलती खान-पान से शुरू होती है. इसलिए हमें अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरुरत है. जो लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं, उन्हें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्हें यह देखना होगा कि वह क्या खा रहे हैं. मिलेट्स के सेवन से आप डायबिटीज को कंट्रोल ही नहीं, बल्कि जड़ से खत्म कर सकते हैं!
मिलेट्स से बना सकते हैं सबकुछ
उन्होंने बताया कि लोगों के मन में यह गलत धारणा है कि मिलेट्स की तासीर गर्म होती है. ऐसे में इनका सेवन हर मौसम में नहीं किया जा सकता, जबकि न्यूट्रल मिलेट्स मे बाजरे की तासीर गर्म और जवार की ठंडी होती है और पॉजिटिव मिलेट्स की तासीर ना तो गर्म होती है और ना ही ठंडी. ऐसे में इनका सेवन आसानी से किया जा सकता है. मैं सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक सब कुछ मिलेट्स से बना हुआ ही खाती हूं. आप मिलेट्स से हर तरह की चीज बना सकते हैं. मिलेट्स का इस्तेमाल चावल के तौर पर भी किया जा सकता है. मिलेट्स का आटा बनाकर आप हर वह व्यंजन बना सकते हैं, जो आप सामान्य तौर आटे से बनाकर खाते हैं.
उन्होंने आगे बताया कि मिलेट्स से कई भी चीज बनाने से पहले उसे कम से कम 8 से 9 घंटे पहले पानी में भिगो देना चाहिए क्योंकि मिलेट्स की उपरी परत काफी सख्त होती है. ऐसा करने से वह काफी नरम हो जाते हैं और इनसे व्यंजन बनाना काफी आसान हो जाता है.
मिलेट्स की बिक्री
उन्होंने बताया कि हमसे लोग मिलेट्स मंगवाते हैं. वहीं मैं मिलेट्स उन किसानों से खरीदती हूं जो जैविक विधि से इसकी खेती करते हैं. खरीदारी के दौरान इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि मिलेट्स बिना पॉलिश किया हुआ हो. इसके बाद ही उनकी बिक्री की जाती है. उन्होंने आगे बताया कि मिलेट्स का सेवन तेजी से बढ़ रहा है. लोग इसे ज्यादा से ज्यादा अपनी डाइट में इस्तेमाल कर रहे हैं. खासकर युवा, जो फिट रहने के लिए मिलेट्स का सेवन कर रहे हैं. हालांकि युवाओं के पास उतना समय नहीं होता कि वह मिलेट्स को पहले भिगोकर फिर उसे सुखाकर उससे खाने की चीजें बनाएं. ऐसे में हम इस बात का ध्यान रखते हुए पहले ही मिलेट्स को पानी में भिगोकर, सुखाकर फिर उन्हें धीमी आंच पर सेंककर इन्हें बेचते हैं ताकि इन्हें आसानी से बनाया जा सके.
मिलेट्स से बनाती हैं प्रोडक्ट्स
उन्होंने बताया कि हमारे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल डेढ़ से दो महीने के अंदर हो जाना चाहिए उसके बाद यह खराब हो जाते हैं. वही हम मिलेट्स से सारे उत्पाद बनाते हैं. अगर कोई हमारे प्रोडक्ट्स खरीदना चाहता है तो वह हमसे संपर्क कर सकता है. जब कोई हमसे संपर्क करता है तो हम उसे अपने प्रोडक्ट्स की पूरी जानकारी देते हैं. इसके अलावा हम ट्रेनिंग सेशन भी आयोजित करते हैं जिसमें मिलेट्स की सेवन से संबंधी पूरी जानकारी दी जाती है और उन्हें ये भी बताया जाता है कि इन्हें अपने लाइफस्टाइल में कैसे शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि हमें अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव करना होगा. खाने-पीने की चीजों पर विशेष ध्यान देना होगा. तभी हम अपनी सेहत को और बेहतर बना पाएंगे.
गलत भोजन, दवा बेअसर।
सही भोजन, दवा की न जरुरत।।
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