विश्व शेर दिवस (World Lion Day) 10 अगस्त को पूरे विश्न में मनाया जाता है. इस दिन को दुनिया भर में शेरों के संरक्षण और बचाव के लिए मनाया जाता है. इसके साथ ही लोगों को शेरों की लगातार कम हो रही जनसंख्या को लेकर जागरुक किया जाता है. इतिहासकाल में शेरों का शिकार करना एक आम बात होती थी, जिस कारण बड़ी संख्या में इन शेरों की प्रजातियां खत्म होने लगी थी. इस समस्या से बचने और शेरों की संख्या में इजाफा करने के उद्देश्य से विश्व शेर दिवस मनाया जाता है.
विश्व शेर दिवस का इतिहास
इस विश्व शेर दिवस की शुरुआत साल 2009 में डेरेक और उनकी साथी पत्नी बीरवली के द्वारा नेशनल जियोग्राफिक चैनल के साथ मिलकर किया गया था. इस दिवस का पहली बार आयोजन 2013 में किया गया था. इस आयोजन को बिग कैट रेस्कयू टीम के द्वारा किया गया था, जो शेरों के महत्व और संरक्षण को लेकर उनकी सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करती है. विश्व शेर दिवस के माध्यम देश दुनिया के बड़ी हस्तियों और सरकारों का ध्यान इनकी तरह आकर्षित किया जाता है.
भारत में शेरों की जनसंख्या
2020 की जनगणना के अनुसार, देश में कुल शेरों की संख्या 674 हैं, जो साल 2015 में 523 के आस पास थी. भारत के गिर नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा 400 शेर हैं. भारत में शेर संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल हैं. देश में लगातार हो रहे शहरीकरण और वनों की कटाई से शेरों के रहन सहन पर असर पड़ता है.
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इनके बचाव के लिए सरकार भी लगातार कदम उठाती रहती है और समय-समय पर पोस्टर बैनर और विज्ञापन के माध्यम से लोगों का सतर्क करती रहती है.
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