
हमारे देश में ऐसे कई गांव आज भी मौजूद है, जो अनूठी संस्कृति और परंपराओं के चलते जाने जाते हैं. ऐसी ही एक गांव जो आज के समय में काफी लोकप्रिय है. दरअसल, जिस गांव की हम बात करने जा रहे हैं, वह भारत का कानून नहीं चलता है और साथ ही वे अपने खुद के संसद और संविधान पर काम करते हैं. यह गांव मलाणा है, जो हिमाचल प्रदेश कुल्लू जिले के नार्थ ईस्ट का एक सुंदर गांव है. इस प्राचीन गांव को लोग ‘लिटिल ग्रीस’ के नाम से भी जानते हैं. साथ ही यह खुबसूरत गांव मलाणा क्रीम यानी कि हशीश के लिए जाना जाता है.
बता दें कि मलाणा गांव में बहार से आने वाले पर्यटक पर कई तरह की पाबंदी भी लगाई जाती है और यहां रह रहे लोग खुद को सिकंदर के सैनिकों के वंशज बताते हैं. आइए जानते हैं कि क्या है इस गांव का सच और क्यों है यहां के कायदे-कानून अलग...
गांव के बाहर शादी करने से समाज से बाहर
मलाणा गांव में आज भी खुद की अपनी न्यायपालिका और कार्यपालिका है. जहां एक चौपाल है. वहां सारे विवादों को सुलझाया जाता है. साथ ही आपको ये जानकर हैरानी होगी इस गांव में ऐसा नियम है अगर आप गांव के बाहर शादी करते हैं, तो आपको समाज से बाहर निकाल दिया जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के इस गांव का कानून बहुत पुराना माना जाता है और अगर सदन के सदस्य फैसला नहीं कर पाते हैं, तो वे उनके भगवान जमलू का ही सहारा लेते हैं. वे सभी फिर उनका फैसला ही मानते हैं. जमलू ऋषि को ही इस गांव में देवता मानकर पूजते हैं.
रात में पर्यटकों को नहीं दिया जाता रुकने (Tourists are not Allowed to stay at Night)
पर्यटकों के लिए मलाणा गांव में रात को रुकने के लिए सख्त मनाई है, लेकिन पर्यटक गांव के बाहर अपना टेंट लगाकर रात गुजार सकते हैं. इस गांव में टूरिस्ट सिर्फ दिन में ही आ सकते हैं. क्योंकि यहां के लोग बाहरी लोगों से हाथ मिलाने और छूने से परहेज रखते हैं. बाहर से आए लोग दुकानों का सामान तक नहीं छू सकते हैं. दरअसल, उन लोगों का ये मानना है कि अगर ये लोग गांव से किसी बाहर वाले को छू लेंगे तो वे अपवित्र हो जाएंगे.
टूरिस्ट पर क्यों लगता है जुर्माना (Why do Tourists seem to get fined)
हिमाचल का मलाणा गांव में टूरिस्ट पर इसलिए जुर्माना लगाया जाता है. अगर वे इस गांव की चीजों को अपनी मर्ज़ी से छूते हैं. तब उन्हे 2,500 रुपये तक जुर्माने का भुगतान करना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इस गांव को रहस्यमय कहां जाता है और यहां की चीजें बेहद पुरानी और संस्कृति-परंपराओं से जुड़ी हुई है.
लेखक: रवीना सिंह
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