गन्ने की खोई का इस्तेमाल अब डिटर्जेंट के रूप में भी किया जा सकेगा खोई का इस्तेमाल अभी तक बिजली और ऑर्गनिक खाद के रूप में किया जाता है लेकिन अब इससे डिटर्जेंट भी बनाया जायगा। नेशनल शूगर इंस्टीट्यूट ने इसके पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया है।
इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ- नरेंद्र मोहन के अनुसार गन्ने की खोई से बना हुआ डिटर्जेंट बिल्कुल नॉन केमिकल होगा जिससे यह त्वचा व पर्यावरण के अनुकूल होगा। साथ ही इसके उपयोग से कपड़े धोने के दौरान पानी भी कम लगेगा। गन्ने की 20 रुपये की खोई से लगभग एक किलो डिटर्जेंट तैयार किया जा सकता है।
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