विश्व एवोकाडो संगठन (WAO), जो एक गैर-लाभकारी संगठन है तथा विश्व भर के एवोकाडो उत्पादकों, निर्यातकों और आयातकों का प्रतिनिधित्व करता है, ने एवोकाडो के पोषण संबंधी और स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देने के लिए देश में उपभोक्ता शिक्षा अभियान शुरू किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2023 में बेहद सफल प्रयास के बाद, डब्ल्यूएओ ने अब भारत में अपना 2024 अभियान शुरू किया है, ताकि उपभोक्ताओं और खाद्य व्यवसायों को नियमित एवोकाडो के सेवन के स्वास्थ्य लाभों और विभिन्न भारतीय व्यंजनों में इस फल का सर्वोत्तम उपयोग करने के बारे में शिक्षित किया जा सके.
भारत में 2024 WAO अभियान को दक्षिण अफ्रीका के उत्पादकों का समर्थन प्राप्त है, जो एवोकाडो का एक प्रमुख निर्यातक है. इस साल की शुरुआत में भारत ने दक्षिण अफ्रीकी एवोकाडो को आयात की अनुमति दी थी.
दक्षिण अफ्रीका का भारत की ओर रुख
दक्षिण अफ़्रीकी एवोकाडो ग्रोअर्स एसोसिएशन के सीईओ डेरेक डोनकिन के हवाले से बयान में कहा गया है कि दक्षिण अफ़्रीका का एवोकाडो निर्यात मुख्य रूप से यूरोप और यूनाइटेड किंगडम पर केंद्रित रहा है और इन स्थानों का उसके निर्यात में 95 प्रतिशत हिस्सा है.
उन्होंने कहा, "हालांकि, उत्पादन बढ़ने के साथ, भारत में हाल ही में पहुंच से विकास के लिए आशाजनक नए रास्ते खुलेंगे, क्योंकि उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले फलों के लिए व्यापक विकल्प मिलते हैं."
डब्ल्यूएओ के चेयरमैन जैक बार्ड ने कहा, "हम डब्ल्यूएओ के अभियान को एक बार फिर भारत में लाकर बहुत खुश हैं. इंडिया 2023 अभियान ने बहुत उत्साह और जुड़ाव पैदा किया है. पूरे देश में एवोकाडो की खपत में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. हम इस गति को और आगे बढ़ाना चाहते हैं."
उन्होंने कहा कि एवोकाडो दुनिया भर में आधुनिक आहार का एक अभिन्न अंग बन गया है, "हम भारत में भी इसी तरह के रुझान की कल्पना करते हैं और एवोकाडो के लिए अपार संभावनाएं देखते हैं. जैसे-जैसे भारतीय उपभोक्ता इस अद्भुत फल, इसके स्वास्थ्य लाभों, इसके स्वाद और दैनिक भोजन में एवोकाडो को शामिल करने के तरीकों के बारे में जानेंगे, इसकी मांग और भी बढ़ेगी. नज़र बनाए रखें क्योंकि हम आपके लिए कुछ शीर्ष भारतीय शेफ़ और पोषण विशेषज्ञों को लेकर आए हैं जो हास एवोकाडो के साथ खाना बनाते हैं और इसके बारे में बात करेंगे.
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