एक समय हुआ करता था जब लोग बारिश का इंतज़ार किया करते थे अपनी फसल के लिए. बारिश के न होने या देरी से होने पर बहगवां से प्रार्थनाएं की जाती थी यज्ञ किये जाते थे, ये तो हम सब जानते है की टेक्नोलॉजी के इस ज़माने में भारत भी अब पीछे नहीं रहा है बरसिह की वजह से फसल ख़राब होने की इस संगीन समस्या का समाधान ढूंढ निकला है भारत ने जी हाँ सुनने में अजीब जरूर है!
लेकिन श्रीगंगानगर के जैतसर केंद्रीय कृषि राज्य फार्म में 1.37 करोड़ रुपए खर्च किये है इस समस्या के समाधान क्वे लिए जैतसर में एक ऐसी चीज़ का निर्माण किया गया जिसमे दो पी-वेट सिस्टम लगे हैं, जिसका बटन दबाते ही पूरे खेत में अर्टिफिशियल बारिश शुरू हो जाती है. दोनों सिस्टम एक साथ शुरू करने पर और बेहतर परिणाम के लिए 350 से ज्यादा फव्वारे एक साथ शुरू हो किये जायेंगे!
इसी के साथ आपको बतादे की पहला सिस्टम साल 2011 में 52 लाख रुपए खर्च करके लगाया गया था इसकी लम्बाई लगभग 438 मीटर लम्बी थी इसी के सफल परिक्षण के साथ दूसरा सिस्टम लगाने का फैसला किया गया जसिमे करीब 85 लाख का खर्चा आया है और इसकी लम्बाई 498 मीटर तक लम्बी है!
जैतसर केंद्रीय राज्य यांत्रिकी कृषि फार्म के डायरेक्टर रामकुमार कस्वां ने बताया कि जैतसर फार्म में किसानो की म्हणत को देखते हुए 2011-12 में पहली बार पी-वेट उपकरण लाए गए इसके ऊपर 10 इंच की पाइप पानी की मैन सप्लाई के लिए लगी होती है, इस पाइप के नीचे 4-4 इंच की चार पाइपें लगी होती हैं, जिनमें मैन पाइप से पानी आता रहता है!
इसके बाद नीचे आधा इंच की पाइप लगी होती है, जिसमें स्प्रिंकलर सिस्टल लगा है. एक साथ 7 पी-वेट जोड़े गए हैं इस प्रकार एक पी-वेट 71 मीटर लंबा है जिसमें 36 फव्वारे लगे होते हैं पूरा पीवेट सिस्टम बिजली पर चलता है. एक कमरे में छोटा सा डिस्प्ले बोर्ड लगा है जिससे यह पता चलता है की कब कहा कितनी स्पीड से पानी छोड़ना है!
Share your comments