प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के संकल्प को साकार करने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में आज भोपाल में भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) द्वारा “कृषि विपणन में सहकारी संस्थाओं की भूमिका” (Role of Co-operative Societies in Agricultural Marketing) विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया.
इसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विशेष अतिथि थे. इस अवसर पर शाह ने कहा कि मोदी सरकार प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को बहुउद्देशीय बना रही है, पैक्स से अपेक्स तक मार्केटिंग की मजबूत व्यवस्था के लिए शीघ्र ही एक मॉडल एक्ट लाया जाएगा, वहीं कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि भारत के संस्कार में सहकार की आत्मा बसती है. मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि म.प्र. में 4,500 पैक्स सामान्य सुविधा केंद्र के रूप में विकसित किए गए हैं.
इस गरिमामय कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि दलहन-तिलहन को छोड़कर बाकी उत्पादों के मामले में हमारा देश आत्मनिर्भर हो चुका है. बीते 8 साल में मोदी जी के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बहुत-से ठोस काम किए गए हैं. इसमें सबसे मुख्य, कृषि उपज की लागत से डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का काम मोदी जी ने किया है, जिससे देश के करोड़ों किसानों को फायदा हुआ है. देश में खाद्यान्न उत्पादन 314 मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा हो चुका है. कृषि उपज की मार्केटिंग को सुचारू व अत्याधुनिक करने के लिए कई कार्य किए गए हैं, जिनमें प्रमुख है ई-नाम प्लेटफार्म (e-NAM Platform), जिससे एक हजार मंडियां जुड़ चुकी है. ई-नाम पर करीब पौने दो करोड़ किसान व ढाई लाख व्यापारी पंजीकरण करा चुके हैं, वहीं 20 प्रदेशों के 2,100 से ज्यादा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी ई-नाम पर जोड़ने का काम किया गया है. इससे मार्केटिंग में पारदर्शिता आई एवं किसानों को उचित दाम मिलने की शुरूआत हुई है. ई-नाम पर अब तक दो लाख करोड़ रु. से ज्यादा का व्यापार हो चुका है.
शाह ने कहा कि भारत के कृषि निर्यात ने 50 बिलियन डालर को पार कर दिया है, जो कृषि व सहकारिता क्षेत्र के लिए बड़ी बात हैं. उन्होंने कहा कि पैक्स से अपेक्स तक एक मजबूत मार्केटिंग व्यवस्था के लिए नेफेड के साथ-साथ राज्य, जिला व तहसीलों के फेडरेशन को भी मार्केटिंग के साथ जोड़ना होगा, इसलिए भारत सरहकार पैक्स को बहुउद्देशीय बनाने के लए अनेक बातें इसके साथ जोड़ने का काम कर रही है, हम पैक्स का मॉडल एक्ट लेकर आ रहे हैं, जिसके लिए विचार-विमर्श कर लिया गया है, एक महीने के अंतराल में ही पैक्स के मॉडल बायलाज को हम समग्र देश में भेजेंगे. इससे हर पैक्स एफपीओ बनने की योग्यता प्राप्त कर लेगा, किसानों की उपज को खरीदकर नेफेड के साथ स्टेट फेडरेशन व देशभर के 63 हजार पैक्स को दे पाएगा, पैक्स भंडारण व परिवहन का काम भी करेगा, वहीं सक्षम पैक्स कोल्ड स्टोरेज बना पाएंगे व गैस एजेंसी भी ले पाएंगे, इनके माध्यम से किसानों को ज्यादा फायदा होगा, अधिक दाम मिलेंगे, कुल 22 गतिविधियों को पैक्स से जोड़ने का काम मोदी सरकार करने जा रही है. अब नेफेड के काम को वृहद बनाना पड़ेगा व टेक्नालाजी का उपयोग करके इसे मजबूत बनाना होगा. शाह ने कहा कि देश में सहकारिता की नई सुदृढ़ व्यवस्था से मुनाफा सीधे किसानों के पास जाएगा, वहीं कार्पोरेट खेती की जगह को आपरेटिव खेती का चलन बढ़ेगा. इफको, कृभको, अमूल ये सब हमारी सक्सेस स्टोरी हैं. शाह ने कहा कि सारे पैक्स का कम्प्यूटीकरण किया जा रहा है. नई सहकारिता नीति भी लाई जाएगी व सहकारिता का वि.वि. स्थापित किया जाएगा, सहकारिता में शीघ्र ही एक नई ऊर्जा का अनुभव कर पाएंगे.
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि भारत के संस्कार में सहकार की आत्मा बसती है. हमारी दिनचर्या में सहकार नहीं है तो दिन अस्त होते-होते मन में संतोष नहीं होता है. प्रधानमंत्री ने यहीं भावना समझते हुए देश में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त करने का बीड़ा उठाय़ा है. तोमर ने कहा कि सहकारिता का क्षेत्र भाव जितना प्रबल होगा, उतनी ही प्रगति होगी और उतनी ही देशज भावना विकसित होगी. हम एक-दूसरे का सहयोग कर एक-दूसरे की ताकत बढ़ाएंगे और मदद करेंगे तो इसका परिणाम देश की ताकत बढ़ाने के रूप में होगा. सहकारिता में पवित्रता व पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है. सहकारिता में अधिकार के साथ कर्त्तव्य भी जरूरी है और जब ये दोनों मिलकर काम करते हैं तो सहकारिता का क्षेत्र आगे बढ़ता जाता है.
तोमर ने कहा कि इफको व अमूल दुनिया के सबसे बड़े सहकारिता संगठन होकर देश व सहकारिता का गौरव बढ़ा रहे हैं, इसके मूल में कार्यपद्धति में पवित्रता- पारदर्शिता हैं. प्रधानमंत्री ने सहकार से समृद्धि की परिकल्पना गुजरात के मुख्यमंत्री के रहते की व पीएम बनने के बाद देशभर में इसके लिए कदम उठाए हैं. मोदी के विजन के परिणामस्वरूप सहकार से समृद्धि की भावना को मूर्त रूप देते हुए नेफेड को पुनर्जीवन देने का काम किया गया है.
यह मोदी की दूरदर्शिता का ही परिणाम है वरना नेफेड तो एक तौर से बंद होने को आ गया था, जिसे पीएम ने वित्तीय सहायता देकर व अन्य कदम उठाकर आगे बढ़ाया है, नेफेड की देश में बहुआयामी भूमिका बन गई है, जिसका लाभ निश्चित ही किसानों को मिल रहा है. तोमर ने कहा कि पीएम चाहते हैं कि आम लोग, आम ग्रामवासी, आम किसान आगे बढ़े, वे सहकारिता से जुड़े और स्वयं के साथ ही देश को भी आत्मनिर्भर बनाएं, इसलिए पीएम ने अलग से सहकारिता मंत्रालय बनाया व सहकारिता मंत्री के रूप में यह जिम्मेदारी अमित भाई शाह को दी, जो आज भी गुजरात में अपनी पैक्स के अध्यक्ष है व एवं उन्होंने वर्षों तक सहकारिता के क्षेत्र में काम किया है. सहकारिता को मजबूत बनाने में उनकी बहुत रूचि है, वे जब किसी बात को ठान लेते है करके रहते हैं, जब उनके द्वारा धारा 370 खत्म की जा सकती है तो सहकारिता का क्षेत्र तो आगे बढ़ेगा ही बढ़ेगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सहकारिता भारत की माटी में है, सबके भीतर है, एक सबके लिए और सब एक के लिए सहकारिता है. सहकारिता के इसी भाव को ध्यान में लेकर मोदी ने अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया. सीएम ने बताया कि म.प्र. में सहकारिता क्षेत्र में कई कदम उठाए गए हैं, पैक्स के कम्प्यूटीकरण का काम किया जा रहा है. 4,500 से ज्यादा पैक्स को सामान्य सुविधा केंद्र के रूप में विकसित किया है.
नई सहकारिता नीति बनाने का प्रयास कर रहे हैं. सहकारिता के सिद्धांतों के अधार पर संस्थाओं को मजबूत बनाना एव इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप को खत्म करना भी उद्देश्य है. कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बी.एल. वर्मा, म.प्र. के कृषि मंत्री कमल पटेल, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, केंद्रीय सहकारिता सचिव ज्ञानेश कुमार, नेफेड अध्यक्ष डॉ. विजेंद्र सिंह व एमडी राजबीर सिंह, इफको अध्यक्ष दिलीप संघानी, कृभको अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह भी मौजूद थे.
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