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देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में कृषि वैज्ञानिकों की महती जवाबदारी: कृषि मंत्री तोमर

11वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस का राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि वि.वि. ग्वालियर में शुभारंभ किया गया जिसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बीज सिर्फ फसल का ही नहीं, संस्कार का भी होता है..

रुक्मणी चौरसिया
Agriculture Minister Narendra Singh Tomar
Agriculture Minister Narendra Singh Tomar

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि बीज सिर्फ फसल का ही नहींसंस्कार का भी होता है. सृष्टि में हमें जो कुछ भी दिखाई देता हैवह बीज का ही परिणाम है. बीज की शुद्धता व सुंदरता ही वर्तमान एवं भविष्य की शुद्धता- सुंदरता है. खाद्यान्न व फल-सब्जी के बीज शुद्ध होंगे तो मनुष्य के शारीरिक स्वास्थ्य की सुंदरता रहेगी. वैज्ञानिक जब बीज का आविष्कार करता है तो उस पर देश व दुनिया की निर्भरता होती हैइसलिए उसकी शुद्धतासुंदरताआवश्यकता आदि को दृष्टिगत करते हुए काम करने से लाभ होता है.

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि भारत आज अधिकांश खाद्य उत्पादों के मामले में पहले या दूसरे क्रम पर हैयहां तक पहुंचने में किसानों के परिश्रमसरकार की किसान हितैषी नीतियों व वैज्ञानिकों के अनुसंधान का योगदान है और कृषि उत्पादों की दृष्टि से हम सारी दुनिया में सीना तानकर खड़े हुए हैं. अब जलवायु स्थितियां बदल रही हैंइस चुनौती के मद्देनजर काम करना होगा. हमारे वैज्ञानिकों ने अनुसंधान से बहुत प्रगति की हैअब दलहन-तिलहन में भी आत्मनिर्भरता होनी चाहिए. इसके लिए सरकार मिशन मोड में काम कर रही हैलेकिन नीतियों व फंडिंग के साथ ही बीजों का आविष्कार ही ऐसा होना चाहिए जो उत्पादकता बढ़ाएं व देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएं. इसमें महती जवाबदारी कृषि वैज्ञानिकों की हैजिन्हें और काम करने की आवश्यकता है.

तोमर ने यह बात आज राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि वि.वि. ग्वालियर द्वारा आयोजित 11वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस-2022 के शुभारंभ में कही थी. बता दें कि कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्चुअल जुड़ेवहीं म.प्र. के कृषि मंत्री  कमल पटेल व महापौर डा. शोभा सिकरवार मंच पर उपस्थित थे. इस अवसर पर वि.वि. के नवनिर्मित सभागार का नामकरण स्व. दत्तोपंत ठेंगड़ी के नाम पर किया गया है. साथ ही स्टेट अकादमी ऑफ़ एग्रीकल्चरल एंड अलाइड साइंसेस (SAAS) का शुभारंभ किया गया. राष्ट्रीय स्तर पर NAAS व प्रादेशिक स्तर पर SAAS का प्रयास कृषिउद्यानिकीपशुपालन विज्ञान व संबंधित अनुसंधानशिक्षाविस्तार के प्रोत्साहन- गतिविधियों को और गतिमान करेगा.

मुख्य अतिथि  तोमर ने कहा कि स्व. ठेंगड़ी मौलिक चिंतकराष्ट्रवादी विचारकश्रमजीवी और ट्रेड यूनियन नेता थे. वे हमेशा कहते थे कि बीज रहेगा तो ही पौधा बन पाएगा. बीज को ही मार देंगे तो पौधे की कल्पना ही नहीं कर पाएंगे. उनके ही प्रयासों से भारतीय मजदूर संघ व भारतीय किसान संघ सशक्त हुए. किसी भी विचार को व्यापकता प्रदान करने की उनकी अद्भुत क्षमता थी. उन्होंने अ.भा. विद्यार्थी परिषद को भी मजबूती दीवहीं मजदूरों व किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा. ठेंगड़ीजी ने स्वदेशी जागरण मंच के साथ जुड़कर स्वदेशी भावना को बल दियाजिससे स्थानीय उद्योगों के साथ राष्ट्र मजबूत हुआरोजगार के अवसर बड़ी संख्या में सृजित हुए. ठेंगड़ीजी के नाम पर सभागार बनना प्रेरणादायी है.

प्रारंभ में कुलपति प्रो. एस. कोटेश्वर राव ने स्वागत भाषण दिया. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डा. आर.सी. अग्रवालकेंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (बीज) अश्विनी कुमार सहित अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में कुलसचिव  अनिल सक्सेना सहित वि.वि. के अधिकारीकृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिककिसानबंधु व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.

इस आयोजन मेंदेश में उन्नत बीज उत्पादन के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगोंभविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए विशेषतः तिलहनी-दलहनी फसलों के उन्नत बीज उत्पादन की रणनीति पर विचार-विमर्श के बाद नीति तैयार की जाएगी. तीन दिवसीय इस सम्मेलन में देश के जाने-माने बीज उत्पादन विशेषज्ञ शामिल हुए हैं. समारोह में केंद्रीय मंत्री तोमर ने विभिन्न पुरस्कार वितरित किए.       

English Summary: Agriculture scientists have an important responsibility in taking the country towards self-reliance: Agriculture Minister Tomar Published on: 21 August 2022, 04:14 PM IST

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