अवसर के हिसाब से पोषक पहनना एक कला है. पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन ने विश्व सुंदरी प्रतियोगिता के लिउए होटल के कमरे में लगाने वाले परदों को ही इसके लिए चुना. गणतंत्र दिवस की परेड में भी हमें भारत की तीनो सेनाओ की पोषक देखने के लिए मिलती है. क्रिकेट मैच हो तो भी अलग देशों की क्रिकेट खिलाडियों की पोशाक अलग रंग में देखने को मिलती है. डॉक्टर सफ़ेद कोट पहनते हैं तो वकील लोग काला कोट.
पोशाक का रंग ही उनके कार्य करने की पहचान होता है.
अभी हाल ही में मोदी जी ने लालकिले की प्राचीर से कहा की भारत अंतरिक्ष में अपना मानव भेजेगा.
अंतरिक्ष यात्री किसी भी देश का हो वह ऑरेंज रंग का स्पेस सूट ही क्यों पहनते हैं ? कल्पना चावला और सुनीता विलियम ने भी ऑरेंज कलर का स्पेस सूट पहना था
भारत ने 2022 में छोड़े जाने वाले स्पेस मिशन और इसमें जाने वाले यात्रियों के लिए तैयार किया गया स्पेस सूट पहली बार सभी के समक्ष प्रदर्शित किया है। बेंगलुरु में चल रहे स्पेस एक्सपो में इसका प्रोटोटाइप डिजाइन पेश किया गया है।
इस स्पेस सूट का रंग ओरेंज है। आपने भी इस रंग का स्पेस सूट पहने कुछ अंतरिक्ष यात्रियों की तस्वीरें शायद देखी हों। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत ने भी उसी रंग का स्पेस सूट क्यों बनाया है जिस तरह का नासा या दूसरी स्पेस एजेंसियों के अंतरिक्ष यात्री पहनते हैं।
कभी आपने सोचा है कि आखिर ये स्पेस सूट नीले, पीले, हरे और लाल रंग के या किसी भी दूसरे रंग के क्यों नहीं होते।
लेकिन इन सवालों का जवाब देने से पहले हम आपको बता दें कि जो स्पेस सूट एक्सपो में दिखाए गए हैं वह पिछले दो वर्षों से तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में इन्हें तैयार किया जा रहा था। इसके अलावा इस एक्सपो में क्रू स्केप मॉडल कैप्सूल (यानी जिस यान में बैठकर जाएंगे और जिससे वापस आएंगे) का भी प्रदर्शन किया है। अब हम आपको अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेस सूट के ओरेंज होने के पीछे का राज बता देते हैं
यहां आपको बता दें कि स्पेस सूट के आरेंज होने के पीछे सबसे बड़ी वजह होती है इसका दूसरे रंग से ज्यादा विजीबल होना। आपको यहां पर ये भी बता दें कि यह कोई आम ओरेंज कलर नहीं होता है बल्कि इसको अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक तैयार किया जाता है।
इस रंग के पीछे बड़ी वजह ये है कि इस सूट की वजह अंतरिक्ष यात्रियों को आसानी से देखा जा सकता है। इसके अलावा किसी हादसे की सूरत में भी इस रंग के स्पेस सूट की वजह से इन्हें दूर से ही पहचाना जा सकता है। इतना ही नहीं समुद्र में लैंडिंग के दौरान भी इस रंग के स्पेस सूट की बदौलत इन्हें दूर से ही देखा जा सकता है।
इस सूट को एडवांस्ड क्रू स्केप सूट Advanced Crew Escape Suit (ACES) कहा जाता है। इसका अर्थ ये है कि स्पेसक्राफ्ट के टेकऑफ और पृथ्वी की कक्षा से बाहर जाने के लिए इस सूट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यही स्पेस सूट धरती पर वापस लौटते समय अंतरिक्ष यात्री पहनते हैं।
अब आपको ये भी बता दें कि स्पेस वॉक के दौरान अंतरिक्ष यात्री व्हाइट कलर का सूट पहनते हैं। इसकी भी एक खास वजह है। दरअसल, डार्क बैकग्राउंड में व्हाइट कलर का सूट साफतौर पर दिखाई देता है। इसके अलावा यह सूर्य की रोशनी में जबरदस्त चमकता है। इसी वजह से इसको स्पेस वॉक के दौरान ही पहना जाता है। इसमें अंतरिक्ष यात्री के काम में आने वाली कई चीजें होती हैं। इसके अलावा यह स्पेस सूट अंतरिक्ष में घूम रहे एस्ट्रॉयड से भी उन्हें बचाता है। सफेद रंग के इस सूट को एक्सट्रा व्हीकुलर एक्टीविटी सूट (Extravehicular Activity (EVA) suit) कहा जाता है। स्पेस क्राफ्ट में रहते हुए अंतरिक्ष यात्री अधिकतर नीले रंग की ड्रेस पहनते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि एक स्पेस सूट का वजन बिना किसी अन्य सामान के करीब 21 किग्रा होता है। वहीं यदि इसकी कीमत की बात करें तो यह करीब 12,000,000 अमेरिकी डॉलर तक हो सकती है।
दूर से ही पहचाने जाने वाले ओरेंज स्पेस सूट की तर्ज पर ही सेन फ्रांसिस्को का गोल्डन गेट ब्रिज और जापान का टोक्यो टावर बनाया गया है। ओरेंज सूट न सिर्फ रेस्क्यू के दौरान मदद करता है बल्कि टेकऑफ और लेंडिंग के दौरान होने वाले हादसों में भी उनकी मदद करता है। इस सूट में हवा और पानी की सप्लाई भी की जाती है।
इसके अलावा इसमें ही पैराशूट, दवाइयां, संपर्क साधने वाले यंत्र और अंतरक्षियात्री के काम में आने वाली कई अन्य चीजें भी होती हैं। जिस तरह का स्पेस सूट अब अंतरिक्ष यात्री पहनते हैं उसकी शुरुआत 1994 में हुई थी। हालांकि इसके रंग में कोई बदलाव नहीं किया गया था। तब इसको लॉन्च एंट्री सूट कहा जाता था। इससे पहले अंतरिक्ष यात्री सिल्वर और व्हाइट कलर का सूट पहनते थे।
हालांकि रूस और चीन को इस मामले में कुछ अपवाद स्वरूप देखा जा सकता है। रूसी अंतरिक्ष यात्री खासतौर पर जो सुयोज स्पेसक्राफ्ट से जाते हैं वह जो स्पेस सूट पहनते हैं वह सफेद रंग का होता है और उसे सोकुल सूट कहा जाता है। इन यात्रियों को स्पेस वॉक के दौरान जो सूट पहनना होता है उसका ओरलान सूट होता है। इसी तरह से चीन के अंतरिक्ष यात्री भी सफेद रंग का स्पेस सूट पहनते हैं जिसको फेटियन सूट कहा जाता है। यह रूस के सोकुल सूट की ही तरह होता है।
ओरेंज को हाईली विजीबल माना जाता है यही वजह है कि आपको कुछ खास तरह के लोगों द्वारा यह रंग पहना हुआ दिखाई दे जाता है। भारत की ही यदि बात करें तो यहां पर एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम इसी रंग के कपड़े पहनती है। विमान के अंदर लगा ब्लैक बॉक्स भी ओरेंज रंग का होता है, जिसकी वजह से यह दूर से ही पहचान लिया जाता है। अक्सर निर्माण में लगे कारिगरों को भी इसी रंग की जैकेट पहनने को दी जाती है।
चंद्र मोहन
कृषि जागरण
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