1. Home
  2. ख़बरें

इस राज्य के किसान आखिर क्यों नहीं चुका रहे हैं कर्ज

आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र इन दिनों देश की सभी राजनीतिक पार्टियां सियासी जमीं पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए जनता से बड़े-बड़े वादे कर रही हैं. इन वादों में किसानों की कर्जमाफी एक अहम मुद्दा है. देश की शीर्ष पार्टियां भाजपा और कांग्रेस भी इस बात को अच्छी तरह से जानती हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे कृषि प्रधान राज्यों में सरकार बनाने के लिए किसानों का साथ मिलना जरूरी है. इसलिए दोनों ही पार्टियों के नेता किसानों को लुभाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहे हैं.

आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र इन दिनों देश की सभी राजनीतिक पार्टियां सियासी जमीं पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए जनता से बड़े-बड़े वादे कर रही हैं. इन वादों में किसानों की कर्जमाफी एक अहम मुद्दा है. देश की शीर्ष पार्टियां भाजपा और कांग्रेस भी इस बात को अच्छी तरह से जानती हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे कृषि प्रधान राज्यों में सरकार बनाने के लिए किसानों का साथ मिलना जरूरी है. इसलिए दोनों ही पार्टियों के नेता किसानों को लुभाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहे हैं. इसी कड़ी में हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के मंदसौर की एक रैली में कांग्रेस की सरकार आने पर 10 दिन के अंदर किसानों का 2 लाख से ज्यादा के कर्ज माफ करने का वादा किया था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अपने इस वादे को मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार के दौरान हर जगह दुहरा भी रहे हैं.

नतीजतन मध्य प्रदेश के किसान अब अपना कर्ज नहीं लौटा रहे हैं. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, मध्य प्रदेश के किसानों ने राहुल गांधी के कर्ज माफ़ी वाले बयान को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. किसानों ने अपना कृषि ऋण चुकाना बंद कर दिया है. को-ऑपरेटिव और नैशनलाइज्ड बैंक के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में फार्म लोन चुकाने की दर में 10 प्रतिशत की कमी आई है. मध्य प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में कार्यरत महेंद्र दीक्षित के मुताबिक, यह बात सही है कि पिछले 6 महीने में लोन रिकवरी में 10 प्रतिशत की कमी आई है. हो सकता है कि यह राहुल गांधी के लोन माफ करने के चुनावी वादे का प्रभाव हो. लोन रिकवरी में यह कमी असामान्य है.

महेंद्र दीक्षित के मुताबिक, प्रदेश में इस साल फसल भी अच्छी हुई है और किसानों को भावांतर स्कीम के तहत अच्छे पैसे मिले हैं. ऐसे में भी लोन चुकाने में यह कमी किसी और कारण की ओर इशारा करती है. लोन रिकवरी में इस कमी की वजह को लेकर कोई यकीन से पुष्टि नहीं कर रहा है लेकिन इसे राहुल गांधी के चुनावी वादे का ही रिजल्ट माना जा रहा है.

गौरतलब है कि पहले छत्तीसगढ़ से भी ऐसी ही ख़बरें आई थीं. राहुल गांधी के कर्जमाफी के वादे के बाद से वहां के किसान भी फसल नहीं बेच रहे हैं. उनका मानना है कि कांग्रेस, सरकार बनाने के दस दिन के अंदर कर्जमाफ़ी के अपने वादे को पूरा करती है तो फसल बेचने के लिए कुछ दिन का इंतजार क्यों न कर लिया जाए. किसान ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि फसल बेचते ही बैंक उनसे कर्ज वसूल लेगा.

विवेक राय, कृषि जागरण

English Summary: Why the farmers of this state are not paying debt Published on: 24 November 2018, 03:54 PM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News