देश की राजधानी दिल्ली में तमाम किसान नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. मगर सरकार किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है. सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान बीते 26 दिनों से बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. इस दौरान कई किसानों की मृत्यु भी हो चुकी है, लेकिन अब किसान पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. इसी बीच किसान अपने मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती भी मना रहे हैं. बता दें कि देशभर में हर साल राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) 23 दिसंबर को मनाया जाता है.
राष्ट्रीय किसान दिवस का महत्व (Importance of National Farmers Day)
इस दिन को देश के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) की जयंती के रूप में मनाया जाता है. उनका जन्म 23 दिसंबर 1902 को हापुड़ में हुआ था. उन्होनें अपने कार्यकाल में किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किए. इसके साथ ही कई कृषि बिल भी पारित कराए. किसानों के लिए उनका अतुलनीय योगदान रहा है, इसलिएसाल 2001 से हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है. आइए, आपको बताते हैं कि राष्ट्रीय किसान दिवस का इतिहास व महत्व क्या है?
राष्ट्रीय किसान दिवस इतिहास (National Farmers Day History)
चौधरी चरण सिंह जी का निधन 29 मई 1987 को हुआथा. इसके बाद भारत सरकार द्वारा साल 2001 में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाने का फैसला किया गया. अगर इतिहास पर प्रकाश डालें, तो चौधरी चरण सिंह ने जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया. इस दौरान उन्होंने किसानों के जीवन और उनकी स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए नीतियों का एक समूह बनाया. चौधरी चरण सिंह ने कृषि क्षेत्र के लिए बिल पेश किए.
राष्ट्रीय किसान दिवस कैसे मनाया जाता है? (How To Celebrate National Farmers Day In Hindi 2020)
देशभर के किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) का जश्न बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. बता दें कि इस दिन किसानों के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर कई सेमिनार होते हैं, जिसमें कृषि अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक खेती करने के नए तरीके बताते हैं. इसके अलावा कृषि बीमा योजनाओं और सरकार की अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है.
चौधरी चरण सिंह का किसानों के लिए योगदान (Chaudhary Charan Singh's contribution to farmers)
आपको बता दें कि चौधरी चरण सिंह का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. यह वजह है कि वह किसानों की समस्याओं को अपना मानते थे. उन्होंने हमेशा किसानों का समर्थन किया था. जब उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप मेंकार्य किया, तब 1979 का बजट को किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया था. इस बजट में किसानों के लिए कई नीतियां पेश की गई थीं. इसके अलावा किसानों को बचाने के लिए जवाहरलाल नेहरू की सामूहिक भूमि-उपयोग नीतियों के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व भी किया था.
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