1. Home
  2. ख़बरें

किसानों को क्यों करना पड़ा अधिकारी के दफ्तर में हंगामा ?

पर्ची न मिलने के वजह से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के गन्ना किसानों का सब्र टूट गया. जिसके बाद मल्लबेहड़ गांव के किसान स्थानीय सरजू सहकारी चीनी मिल बेलरायां के दफ्तर पर जा धमके।

प्रभाकर मिश्र

पर्ची न मिलने के वजह से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के गन्ना किसानों का सब्र टूट गया. जिसके बाद मल्लबेहड़ गांव के किसान स्थानीय सरजू सहकारी चीनी मिल बेलरायां के दफ्तर पर जा धमके. मुख्य गन्ना अधिकारी के दफ्तर में किसानों ने जमकर हंगामा किया इतना ही नहीं किसानों ने दफ्तर में बैठे गुलरिया चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक को भी जमकर सुनाया। दरअसल गुलरिया चीनी मिल के लिए गन्ना आपूर्ति बेलरायां चीनी मिल क्षेत्र के मल्लबेहड़ स्थित गन्ना क्रयकेंद्र से भी की जाती है. इस बार गन्ने की तौल की पर्चियां न आने से किसान बहुत परेशान हो गए है जिसके बाद गन्ना किसान सोमवार को गन्ना प्रबंधक जेके शाही के दफ्तर पहुंच गए.

दफ्तर में में ही गन्ना किसानों से जमकर हंगामा किया। किसानों ने बताया कि उनके सेंटर मल्लबेहड़ का गन्ना गुलरिया चीनी मिल को जाता है. इस बार गुलरिया चीनी मिल के गन्ना पर्यवेक्षक द्वारा गन्ना सर्वे में जमकर धांधली की गई है. जिसके चलते ही इस बार किसानों को गन्ना पर्चियां नहीं मिल रही है. अभी बहुत से किसानों की पुरानी फसल या पेड़ी का गन्ना खेतों में खड़ा है. वहीं दूसरी ओर जिन किसानों का गन्ना पूरी तरह से चला गया है उन्हें अब भी लगातार पर्चियां आ रही है. जिन किसानों की फसल खेतों में खड़ी है उनकी पर्चियां गायब है.

इस मौके पर चीनी मिल मुख्य अधिकारी डीके राय ने गन्ना अभिलेख मांगा कर जांच की और किसानों के इन दावों को सही पाया है. जिसके बाद उन्होने किसानों को आश्वासन दिया कि गुलरिया चीनी मिल के अधिकारियों के पुराने सर्वे को निरस्त कर नया सर्वे होगा जिसके दो दिन बाद किसानों को पर्चियां मिलाना चालू हो जाएंगी। मीडिया से बात करते हुए गुलरिया चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक जेके शाही ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट सुपरवाइजर प्रदीप वर्मा बनाई गई थी. इस रिपोर्ट को चीनी मिल को सौप भी दिया गया था लेकिन चीनी मिल मिल में किसानों के डाटा की फीडिंग न होने के कारण ही सही ढंग से किसानों के पर्चियां नहीं पहुंच पाई. किसानों का आरोप बिलकुल निराधार है गन्ने की पर्चियां चीनी मिल बेलरायां से ही जाती हैं। इसमें सर्वे करने वालों का कोई भी दोष नहीं है.

English Summary: Why did the farmers have to disobey the officer's office? Published on: 23 April 2019, 01:04 PM IST

Like this article?

Hey! I am प्रभाकर मिश्र. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News