मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया. इस बजट में किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग के लिए कई बड़े योजनाओं का ऐलान किया गया. जिनमें से से एक योजना 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना भी है. जिसके तहत देश के उन लघु व सीमांत किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की सहायता सीधे चार-चार माह की अंतराल पर तीन किश्तों में मुहैया कराई जाएगी, जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है.
गौरतलब है कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को पहली किस्त 31 मार्च तक देगी. लेकिन मीडिया में आई ख़बरों की माने तो यूपी में इसकी शुरुआत सभी राज्यों से पहले ही हो जाएगी. किसानों को पहली किस्त 2 हजार रुपये देने की तैयारी यूपी के सभी जनपदों में जोर शोर से चल रही है. पहले चरण में 11 फरवरी तक डाटा राज्य सरकार के पास है. उसका काम पूरा करने के अंतिम चरण में चल रहा है. इस योजना के तहत केन्द्र सरकार ने किसानों का डाटा इक्ठठा करने लिए pmkisan.nic.in पोर्टल की शुरुआत की है. इस पोर्टल में राज्य फायदा पाने वाले किसानों का डेटा 25 फरवरी तक डाल सकते है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस योजना से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि हालांकि हमारे पास योजना के लाभार्थी किसानों के खातों में 2-2 हजार रुपये जमा कराने के लिए 31 मार्च तक का वक्त है, लेकिन हम पैसे ट्रांसफर करने की प्रक्रिया 28 फरवरी से ही शुरू करना चाहते हैं. तब इसे पहले से जारी काम माना जाएगा और चुनाव आयोग की आचार संहिता के उल्लंघन का मामला नहीं बनेगा. क्योंकि चुनाव आयोग मार्च के पहले सप्ताह में आम चुनाव के तारीखों की घोषणा करेगा.
'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना का लाभ
ऐसे किसान जिनके नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना 6 हजार नकद मिलेगे. इस तारीख के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले 5 साल तक इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा. हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे. इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप https://bit.ly/2TDJvKM पर विजिट कर सकते है.
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