देश-दुनिया में COVID-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन को देखते हुए गुजरात सरकार 27 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू करने जा रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाने वाली किसानों से यह गेहूं खरीद की प्रक्रिया एक महीने के लिए होगी. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से किसानों को उपज बेचने में आ रही दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. साथ ही राज्य सरकार के इस फैसले से अन्नदाताओं को काफी राहत मिलेगी.
आपको बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकार को गेहूं बेचने के लिए किसानों को 27 अप्रैल से 10 मई तक खुद को पंजीकृत कराना होगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री के सचिव अश्विनी कुमार का कहना है कि खरीद 31 मई तक जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि गेहूं सिविल सप्लाई विभाग के 19-गोदामों पर खरीदा जाएगा.
SMS के जरिए किसानों को किया जाएगा सूचित
इस WHEAT PROCUREMENT की प्रक्रिया के तहत किसानों को खरीद के संबंध में एक एसएमएस के जरिए सूचित किया जाएगा. इसके बाद ही किसान आवंटित समय पर क्रय केंद्रों का दौरा कर सकते हैं. सचिव का कहना है कि अब तक 29,100 किसानों ने अपना पंजीकरण कराया है. मार्च में लॉकडाउन की घोषणा से पहले ये पंजीकरण प्रक्रिया नहीं हो पायी थी. आपको बता दें कि इससे पहले भी किसानों से 1 से 31 मार्च 2020 के बीच पंजीकरण कराने को कहा गया था. सरकार ने 16 से 31 मार्च तक गेहूं खरीदने की योजना भी बनाई थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से फसल खरीद (crop procurement) की प्रक्रिया को 24 मार्च से निलंबित कर दिया गया था.
मार्च में 1,925 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर गेहूं खरीद की हुई थी घोषणा
इससे पहले सरकार ने मार्च में 1,925 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर गेहूं खरीदने की घोषणा की थी. इस समय कृषि उपज मंडी समितियां (एपीएमसी) औसतन 1,750 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं ले रही हैं. राज्य सरकार द्वारा यह खरीद 15 अप्रैल से गुजरात में एपीएमसी द्वारा खरीदे जाने के अलावा है.
इस समय 120 APMCs हैं कार्यात्मक
आज के समय में 120 Agricultural Produce Market Committees (APMCs) कार्यात्मक हैं, जहां चना, तिल, अरंडी, गेहूं और बाकी किसानों की उपज को खरीदा जा रहा है. आपको बता दें कि इस हफ्ते सोमवार तक, इन एपीएमसी द्वारा लगभग 1.34 लाख क्विंटल से अधिक कृषि उपज खरीदी गई है, जिसमें गेहूं (85,000 क्विंटल) और अरंडी (37000 क्विंटल) शामिल हैं.
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