Wheat export: रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कहा है कि भारत सरकार गेहूं, आटा, मैदा और सूजी जैसे गेहूं उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध को वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी जारी रखना चाहिए.
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद कुमार एस ने कहा, गेहूं के लिए सरकार का क्लोजिंग बैलेंस इस साल सबसे कम होगा. गेहूं उगाने वाले क्षेत्रों में गर्मियों की शुरुआत और अत्यधिक वर्षा के बावजूद फेडरेशन को इस वर्ष 106-110 मिलियन टन की रिकॉर्ड फसल की उम्मीद है. सरकार ने गेहूं की कीमतों में गिरावट के साथ रिकॉर्ड उत्पादन से 340 लाख टन गेहूं की खरीद के लक्ष्य को हासिल करने मे सक्षम रहेगी.
प्रमोद कुमार ने कहा कि 26 जनवरी, 2023 को घोषित ओपन मार्केट सेल्स स्कीम के परिणामस्वरूप पूरे भारत में गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों में 600 से 800 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आई है. सरकार के विभिन्न उपायों के कारण पिछले दो महीनों में थोक और खुदरा बाजारों में गेहूं और आटे की कीमतों में 6 से 8 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है.
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन के अनुसार, जनवरी 2023 में आटा की कीमतें 3400 से 3800 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो वर्तमान में 2600 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल है. बाजार में गेहूं की कम घरेलू उपलब्धता के कारण जनवरी 2023 में गेहूं की घरेलू कीमतें 3200-3600 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं, इससे पहले कि सरकार ने बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए खुले बाजार में 50 लाख टन की बिक्री की घोषणा कर दी है.
ये भी पढ़ेंः गेहूं निर्यात पर आया बड़ा फैसला, अब ऐसे होगा काम
Share your comments