पौधों की वृद्धि और उसके विकास के लिए पोटाश एक जरुरी पोषक तत्व (Potash Is An Essential Nutrient) होता है. खाद में पोटाश की कमी होने से फसल की जड़ कमजोर पड़ जाती है, जिससे फसलें स्वतः गिर जाती हैं.
सही मायने में कहें, तो पोटाश फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है. खाद में पोटाश की कमी होने से फसलों को भारी नुकसान होता है, जिसका खामियाजा किसानों को फसल से होने वाले नुकसान से भुगतना पड़ता है. किसानों को इस तरह के नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने देश में पोटाश की कमी को दूर करने के लिए फार्मूला तैयार (Formula Ready To Overcome Potash Deficiency ) करने की नई रणनीति तैयार की है. जी हाँ किसानों के हित के लिए एवं देश में खाद की सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार कमर कस ली है.
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फर्टिलाइजर खाद की बढ़ती मांग एवं पेट्रोलियम गैस के बढ़ते दामों की वजह से इन दिनों फर्टिलाइजर खाद के दामों में वृद्धि देखी जा रही है. जिससे खाद सप्लाई में भारी कमी हो रही है. खाद सप्लाई की चुनौतियों (Fertilizer Supply Challenges) को देख केंद सरकार ने फ़र्टिलाइजर की कमी को दूर करने के लिए अहम कदम उठाए हैं.
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खादी की कमी के लिए तैयार फार्मूला (Formula Ready For Shortage Of Khadi)
किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु एवं फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए सब्सिडी को बढ़ा दे सकती है. इसके अलावा घरेलू कारखानों की उपलब्धता को बनाये रखने की बात कर रही है. वहीँ मध्य – पूर्व के देशों में खाद के आयात को लेकर भी कई सम्भावना भी तलाशी जा रही हैं.
खाद मत्रालय द्वारा मिली जानकरी (Information Received By The Ministry Of Fertilizers)
इसी बीच खाद मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा मिली जानकारी है कि खाद की कमी देश में कभी नहीं होने दी जाएगी. देश में फसलों के उत्पादन और पैदावार में किसानों को किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी.
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