कृषिका किसान मार्ट एक कृषि केंद्रित पहल है, जिसको सेक्रेड रिवर एग्री टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड नामक स्टार्ट अप कंपनी ने किसानों को कृषि विशेषज्ञों द्वारा मुफ़्त मार्गदर्शन और उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक, कीटनाशक दवाएं आदि उचित दामों पर मुहैया कराने के लिए स्थापित किया है. यह कंपनी गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान स्थापित की गयी थी, और कंपनी का उद्देश्य है कि किसानों की लागत कम हो और आय में वृद्धि हो, जिससे उनका जीवन आर्थिक तौर पर और सम्पन्न हो. किसानों को इस बात का भी विशेष ज्ञान दिया जाता है कि केमिकल उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग कैसे कम से कम मात्रा में किया जाए.
कंपनी ने अब तक 20 से ज़्यादा कृषिका किसान मार्ट उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में खोले हैं, और अब तक यह लगभग 60 कृषि स्नातकों, और 20-25 अन्य स्नातकों को नौकरी प्रदान कर चुकी है. सभी कृषि विशेषज्ञ और प्रशिक्षित स्टाफ़ "कृषिका किसान सारथी" के नाम से जाने जाते हैं. कृषिका का किसान सारथी वही बन पाते हैं, जो कंपनी की कठिन चयन प्रक्रिया को पार कर चुने जाते हैं और अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा उनकी विधिवत ट्रेनिंग होती है.
तब कहीं जा के उन्हें कृषिका की पीली टी-शर्ट मिलती है, जिसे पहन कर वह किसानों के खेतों पर जा कर उन्हें परामर्श प्रदान करते हैं. कंपनी ने कृषिका किसान e-मार्ट नामक एक मोबाइल ऐप भी लॉंच की है, जिससे कंपनी के किसान सारथी सर्वे करते हैं और बिक्री भी करवाते हैं. हर एक कृषिका किसान मार्ट एक वरिष्ठ किसान सारथी के संचालन में चलती है. उसके नीचे 2-3 एग्रोनॉमिस्ट (कृषि विशेषज्ञ) काम करते हैं. हर टीम लगभग 40-50 गाँव में लगातार काम करती है.
जिन जगहों पर कृषिका के किसान सारथी काम कर रहे हैं, वहां अब उनकी एक बहुत अच्छी छवि बन गयी है. किसान उन्हें खेतों के डॉक्टर के रूप में देखता है, और अपनी खेती से जुड़ी छोटी बड़ी हर समस्या के लिए राय मांगने में नहीं हिचकिचाता है. कृषिका की किसान गोष्ठियों में तो किसानों का जमघट ही लग जाता है. सवाल ख़ूब पूछे जाते हैं, और हर सवाल का जवाब गहराई से दिया जाता है. कंपनी के काम करने के तरीक़े में नवीनता और प्रबंधन तकनीक की झलक दिखती है.
अभी कंपनी ने एक सर्वे करवाया, जिसमें किसान सारथियों ने लगभग 200 गावों में 3200 किसानों से जाना की वे आगामी रबी सीज़न में कौन कौन-सी प्रजातियों के गेंहू के बीज लगाने की तैयारी कर रहे हैं. अब देखते हैं यह पहल कैसे आगे बढ़ती जाती है और अधिक से अधिक किसानों से जुड़कर उनकी मदद करती है.
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