विक्की डोनर फिल्म तो सभी ने देखी होगी। आयुष्मान खुराना अभिनीत विक्की डोनर एक ऐसे शख्स की कहानी थी जिसमें वो स्पर्म डोनेट कर उन महिलाओं को कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से मां बनने का एहसास दिलवाता है जो किसी कारणवश कभी भी गर्भवती नहीं हो पाती हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है क्लोन भैंस “हिसार गौरव“ की। जी हां, इंसानों की तरह ही जानवरों मंे भी गर्भधारण की समस्या आम है। ऐसे में स्वस्थ पशु का सीमन कृत्रिम गर्भाधान में मदद करता है। आपको बता दें कि केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी) में क्लोन भैंस “हिसार गौरव“ के सीमन से अब तक कई भैसों का कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है। इनमें से 10 भैंसे इस समय भी गर्भवती हैं। गौरतलब है कि सीआईआरबी में 11 दिसंबर को क्लोन द्वारा भैंस का कटड़ा हुआ था जिसका नाम हिसार गौरव रखा गया था।
इस उपलब्धि के बाद यह संस्थान देश का दूसरा ऐसा संस्थान बन गया है जहां क्लोन कटड़ा पैदा किया गया था। संस्थान के लिए यह उपलब्धि काफी सराहनीय है। सीआईआरबी के क्लोनिंग प्रोजेक्ट प्रमुख डाॅ. प्रेम सिंह यादव ने बताया कि हिसार गौरव ने 22 माह की उम्र से सीमन देना शुरू कर दिया है।
सीमन फ्रीजिंग व थाइंग के बाद जीवित शुक्राणु दर को सामान्य झोटों के समान पाया गया है। डाॅ. यादव ने बताया कि क्लोन कटड़ों पर इस प्रकार की उपयोगी व अनूठे अध्ययन में क्लोन कटड़े के सीमन को पूरी तरह से जांचा परखा जा रहा है। इस कटड़े के सीमन को कम्प्यूटराइज्ड सीमन परीक्षण सभी मापदंडों को शत-प्रतिशत सही पाया गया।
संस्थान के निदेशक डाॅ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में जानवरों से अधिक क्लोन के उत्पादन की ओर बढ़ने में हमें इस अनुसंधान के बाद मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि क्लोनिंग विधि में नर व मादा का संभोग नहीं कराते और इसमें शरीर की एक कोशिका से ही पूर्ण पशु बनाया जाता है। क्लोन बनाने में सीमन में पाई जाने वाली कोशिकाओं का भी उपयोग कर सकते हैं जिसमें मृत झोटों का भी क्लोन तैयार कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधि से सर्वोत्तम पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए क्लोनिंग एक आधुनिक विधि है जिससे उत्तम पशु का डुप्लीकेट हुबहू तैयार होता है।
Share your comments