पूरे देशभर में बैसाखी (Baisakhi) का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. बैसाखी खुशहाली और समृद्धि का त्योहार है. साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि बैसाखी किसानों से सबसे ज्यादा जुड़ा हुआ है. इसी पर्व के शुभ अवसर पर कृषि जागरण (Krishi Jagran) ने एक कार्यक्रम आयोजित किया है.
कार्यक्रम की शुरुआत कृषि जागरण के संपादक एम. सी. डॉमिनिक ने की (The program was started by MC Dominic, editor of Krishi Jagran)
इस कार्यक्रम की शुरुआत कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एम. सी. डॉमिनिक (MC Dominic, founder and editor-in-chief of Krishi Jagran) ने की. उन्होंने बैसाखी त्योहार की शुभकामनाएं देकर की कार्यक्रम की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि ये त्योहार जैसे हमारे लिए महत्वपूर्ण है वैसे ही किसान भाइयों के लिए भी हैं.
डॉ पी के पंत ने बताई बैसाखी की महत्ता (Dr PK Pant told the importance of Baisakhi)
इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण कृषि जागरण के फेसबुक पेज पर किया गया.कार्यक्रम में कृषि जागरण के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ पी के पंत (Dr PK Pant, Chief Operating Officer, Krishi Jagran) ने बैसाखी त्योहार की महत्व के बारे में बताया. उन्होंने इस दौरान कहा कि बैसाखी किसानों से इसलिए जुड़ा हुआ है, क्योंकि इस दिन किसान भाई अपनी फसलों की कटाई करके आते हैं और नई फसल की तैयारी की शुरुआत करते हैं. इस दौरान उन्होंने कई ऐसी बातें बताई जो शायद आप नहीं जानते होंगे.
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ऐसे में आप इस लिंक पर क्लिक करके बैसाखी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी ले सकते हैं- जानें बैसाखी दिन का खास महत्व डॉ पी के पंत के साथ
इस कार्यक्रम के दौरान कृषि जागरण की पूरी टीम मौजूद रही.
बैसाखी के अनेकों नाम (Many names of Baisakhi)
बैसाखी त्योहार को कई और नामों से भी जाना जाता है. जैसे- इस त्योहार को असम के लोग बिहू के नाम से जानते है. केरलवासी इसे पूरम विशु के रूप में मनाते हैं. वही बंगाली यानी बंगाल में रहने वाले लोग इसे नबा वर्षा के रूप में सेलिब्रेट करते हैं. यहां के लोग इस दिन अनाज की पूजा कर बैसाखी सेलिब्रेट करते हैं. इसके साथ ही लोग फसल कटकर घर आने की खुशी मनाते हुए भगवान और प्रकृति को शुक्रिया अदा करते हैं.
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