Uttarakhand Tunnel Collapsed: यमुनोत्री नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही सुरंग का एक बड़ा हिस्सा धंसने के चलते शनिवार से ही लगभग 40 लोग मजदूर मलबे में फंसे हुए हैं. इन मजदूरों को मलबे में फंसे 24 घंसे से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी को भी बाहर नहीं निकला जा सका है. हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. रेस्क्यू टीम के अनुसार, लोग सुरंग के भीतर सुरक्षित हैं और उन्हें पाइप के माध्यम ऑक्सीजन, खाना और पानी पहुंचाया जा रहा है. टीम का कहना है कि सुरंग के घंसे हुए हिस्से को साफ किया जा रहा है. मलबे के हटाने के लिए जेसीबी मशीनें और डंपर लगाए गए हैं. जल्द मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा.
पाइप से पहुंचाई जा रही ऑक्सीजन
जानकारी के मुताबिक, प्रांतीय रक्षक दल (PRD) के साथ-साथ उत्तराखंड पुलिस, स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा कई अन्य एजेंसियां भी रेस्क्यू ऑपरेशन में सक्रियता से काम कर रही हैं. उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि टलन के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल, सभी मजदूर पूरी तरह सुरक्षित हैं. मजदूरों की सुविधा के लिए एक ऑक्सीजन पाइप भी टनल के अंदर पहुंचा दी गई है. इसके अलावा एक पाइप के जरिए उन तक खाना और पानी भी पहुंचाया जा रहा है.
#WATCH | Uttarakhand | On Uttarkashi Tunnel accident, Prashant Kumar, Circle Officer of Uttarkashi says, "40 people are trapped inside the tunnel. All are safe, we have provided oxygen and water to them..."
— ANI (@ANI) November 13, 2023
"The present situation is, that yesterday we established communication… pic.twitter.com/KWBVtN0ks8
मलबे के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही दिक्कतें
वहीं, हादसे के बाद से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नियमित रूप से अधिकारियों के संपर्क बनाए हुए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन की अपडेट ले रहे हैं. जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम धामी से फोन पर हालात की जानकारी ली है. बताया जा रहा है की यहां सबसे ज्यादा परेशानी मलबा हटाने में पेश आ रही है. जिस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हादसा सुरंग के मुहाने से 200 मीटर अंदर की तरफ हुआ. हादसा रविवार सुबह 5:30 बजे हुआ था, जिसके बाद से 40 लोग मलबे में फंसे हुए हैं. यह सुरंग लगभग 4 किलोमीटर लंबी है. हादसे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
Share your comments