कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में बाहरी राज्यों से प्रवासियों का पलायन लगातार जारी है. इस वक्त प्रवासी किसी भी तरह बस अपने गांव लौटना चाहते हैं. अधिकतर प्रवासियों का कहना है कि अब वह गांव में ही छोटा-मोटा काम करके अपनी जीविका चला लेंगे, लेकिन बाहरी राज्यों में लौटकर नहीं आएंगे. ऐसे में उत्तराखंड सरकार एक नई योजना लागू करने की तैयारी कर रही है.
दरअसल, राज्य सरकार कृषि क्षेत्र संबंधी एक नई योजना को लाने की तैयार कर रही है. इसके तहत अगर रिवर्स पलायन करने वाले भूमिहर श्रमिकों को नर्सरी तैयार करने के लिए 1 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा कृषि प्रदर्शन इकाई स्थापित करने के लिए 50 हजार रुपए की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी.
नर्सरी तैयार करने के लिए सब्सिडी
रिवर्स पलायन करने वाले भूमिधर श्रमिकों के नर्सरी विकास योजना के तहत 1 लाख की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी. इससे संबंधी आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. इस योजना से उत्तराखंड लौटे भूमिधर श्रमिकों को काफी राहत मिल पाएगी.
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कृषि प्रदर्शन इकाई स्थापित करने पर सब्सिडी
राज्य के भूमिधर श्रमिकों के लिए जड़ी-बूटी कृषि विकास योजना के तहत सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी. इस योजना को भेषज विकास बोर्ड के माध्यम से लागू किया गया है. इसकी मदद से कृषि प्रदर्शन इकाई स्थापित करने के लिए 50 हजार रुपए की सब्सिडी प्रति यूनिट के लिए मिलेगी.
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक...
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कोविड-19 महामारी के संकट में कृषि, बागवानी और इससे जुड़े सभी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जा सकें. जब से लॉकडाउन लगा है, तब से बाहरी राज्यों से लगातार बड़ी संख्या में प्रवासियों पलायन कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए कृषि, बागवानी, जड़ी-बूटी के क्षेत्र में अभिनव पहल की जा रही है.
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