उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के किसनों को खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाते रहती है. यह योजनाएं अलग-अलग खेती के सीजन को देखते हुए राज्य में लागू की जाती हैं. राज्य में दलहनी की खेती करने वाले किसानों के लिए इस बार ऐसा ही योजना लेकर आई है. दरअसल राज्य में दलहनी फसलों की खेती में कमी न हो और खेती बनी रहे उसके लिए राज्य द्वारा इस खरीफ सीजन में किसानों को प्रति एकड़ 400 रुपए अर्थात प्रति हेक्टेयर 1000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने का विचार किया है. इस विषय पर कृषि विभाग द्वारा शासन को एक प्रस्ताव भेजा जा चुका है.
राज्य सरकार के खजाने पर नहीं पड़ेगा खर्च का भार
सूत्रों कि मानें तो सरकार इसके लिए सैद्धांतिक रूप से भी तैयार हो गई है. वहीं इस योजना में खर्च होने वाली राशि का भार भी राज्य सरकार के खजाने पर नहीं पड़ेगा. किसानों को यह आर्थिक सहायता राशि कृषि विकास परियोजना (आरकेवीवाई) के द्वारा दी जाएगी. दलहनी की खेती को राज्य में अत्यंत संवेदनशील एवं जोखिम वाली खेती माना जाता है वहीं पिछले कुछ समय में यह भी देखा गया है कि इससे किसानों का मोह भंग हो रहा है. इसका नतीजा यह हो रहा है कि दलहनी की फसलों का उत्पादन तेजी से कम होने लगे हैं और इनके रकबों में भी कमी आ रही है. जिसे देखते हुए इस परियोजना में किसानों को आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है.
परियोजना की जानकारी
इस परियोजना के अंतर्गत जो भी किसान इस खरीफ में दलहनी फसलों की खेती करेगा, उन्हें इनकी खेती में विशेष तकनीक अपनाने के लिए प्रति एकड़ 400 रुपए दिए जाने का प्रस्ताव है. इस तकनीक की अगर बात करें तो इसको अपनाने से अधिक बरसात या खेतों में पानी लगने की संभावना कम रहेगी और दलहनी फसलें बर्बाद नहीं होंगी. इस विशेष तकनीक के तहत सहायता पाने वाले किसानों को अपने खेतों के चारों ओर नालियां बनानी होगी और नाली की मिट्टी को खेतों में ही डालना होगा ताकि खेत की सतह आसपास की खेतों से ऊंचा हो जाए. जलभराव होने के कारण दलहनी की फसलें जल्दी ही बर्बाद हो जाती हैं, जिसको बचाने के लिए आसपास की सतहों को उंचा करने से खेतों में लगी ऐसी फसलों को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है. अधिक पानी दलहनी की फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.
बता दें कि मौसम विभाग के सूत्रों के अनुसार इस बार मॉनसून के सामान्य रहने का पूर्वानुमान है जिसको ध्यान में रखकर किसानों को आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रस्ताव है.
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