यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग टॉपर बनने का सपना लेकर बैठते हैं. हालांकि, उनमें से सिर्फ एक ही व्यक्ति अपने सपने को पूरा कर पाता है. बिहार के कटिहार जिले के शुभम कुमार ने यूपीएससी सीएसई 2020 (UPSC CSE 2020) परीक्षा में 52.04% अंकों के साथ अखिल भारतीय रैंक 1 (All India Rank 1) हासिल किया है.
कृषि जागरण एवं एग्रीकल्चर वर्ल्ड के प्रधान संपादक एम.सी. डॉमिनिक के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, उन्होंने यूपीएससी (UPSC) को पास करने में हुई कठिनाइयों और स्टडी स्ट्रेटजी को साझा किया. पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-
शुभम के पास बचपन से ही UPSC की परीक्षाओं की जानकारी थी. शुभम ने अपनी स्कूली पढ़ाई के शुरुआती 4 साल अपने गांव में बिताए और फिर आगे की पढ़ाई के लिए पटना चले गए. बाहर जाते समय 6 वर्षीय शुभम ने मासूमियत से अपनी मां से कहा कि वह ऑफिसर (Officer) बनकर ही लौटेंगे. उन्हें क्या पता था कि 18 साल बाद यह सपना पूरा होगा.
शुभम ने 2014 में IIT बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech पूरा किया. IIT बॉम्बे में अपने पढ़ाई के दौरान, वह बहुत सक्रिय छात्र थे और विभिन्न खेल खेलते थे. वह अपने छात्रावास के सांस्कृतिक सचिव (Cultural Secretary) भी थे. यह वहीं संस्थान था, जिसमें उन्होंने सिविल सेवा (Civil Services) में शामिल होने का निर्णय लिया.
शुभम की सफलता की राह (Shubham’s Path to Success)
ऐसी कहावत है कि सफलता का मार्ग असफलताओं से भरा होता है. हालांकि, असफलता ही इंसान को सफलता का मार्ग दिखाती है. शुभम एक मेधावी छात्र होने के अलावा, कक्षा 10वीं (10सीजीपीए) और 12वीं (96%) के बोर्ड में शानदार प्रदर्शन करने और भारत के एक प्रीमियम इंजीनियरिंग संस्थान (Premium Engineering Institutes) से स्नातक होने के बाद भी,UPSC के परीक्षा में असफल हो गए थे. यूपीएससी परीक्षाओं में एआईआर 1 (UPSC AIR 1) हासिल करने के लिए उन्हें 3 प्रयास करने पड़े. जो चीज उन्हें असफलताओं से लड़ने में संबल प्रदान करती रही, वह थी उनके परिवार और दोस्तों का प्यार और समर्थन.
कोविड-19 महामारी के दौरान शुभम की तैयारी (Shubham’s Preparation During Pandemic)
2020 में जब पूरा देश कोविड-19 से जूझ रहा था तब शुभम अपनी तैयारी पर फोकस कर रहे थे. वह उस समय कोई कोचिंग नहीं ले रहे थे. बल्कि, जो दोस्त परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, वह उनके साथ मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज़ हल करते थे. वहीं इस दरमियाँ वे एक-दूसरे की उत्तर पुस्तिकाओं का आदान-प्रदान और जांच भी करते थे.
ग्रामीण परिवेश में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए शुभम का संदेश (Shubham’s Message to UPSC Aspirants from Rural Background)
शुभम का मानना है कि "जहां चाह है, वहां राह है”. कोई भी कहीं से भी अपनी वित्तीय या सामाजिक स्थिति के बावजूद UPSC में सफलता प्राप्त कर सकता है. आज के युग में देश के किसी भी कोने से अध्ययन सामग्री आसानी से प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने दिल्ली में "कुमार बुक सेंटर" से नोट्स की मदद ली. इसके अलावा, उन्होंने बताया कि अधिकांश सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से आसानी से सफलता प्राप्त की जा सकती है. वहीं, शुभम ने यूपीएससी की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों से एक अच्छी मित्र मंडली बनाए रखने का आग्रह किया, जो समर्थन और प्रेरणा के रूप में काम करते हैं.
सोशल मीडिया से रहें दूर (Stay Away from Social-Media)
शुभम ने यूपीएससी की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों से कहा कि जितना हो सके सोशल मीडिया से दूर रहें, क्योंकि सोशल मीडिया से न केवल समय बर्बाद होता है, बल्कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान समय का उचित प्रबंधन भी नहीं हो पाता है.
मॉक टेस्ट बहुत महत्वपूर्ण है (Mock Tests are Very Important)
चर्चा के दौरान शुभम ने विशेष रूप से मॉक टेस्ट देने पर ज़ोर दिया. उन्होंने बताया कि तैयारी के मामले में आप किस पायदान पर हैं और आपकी तैयारी कैसी चल रही है, इसके बारे में मॉक टेस्ट से एक सटीक जानकारी प्राप्त होती है. उन्होंने बताया कि अपने 2019 के प्रयास में उन्होंने 70-75 मॉक टेस्ट दिए और 2020 के प्रीलिम्स में, उन्होंने 40-45 मॉक टेस्ट दिए. अपनी मुख्य तैयारी (UPSC Mains Exam) के दौरान, वह प्रतिदिन 1 घंटे का मॉक टेस्ट और हर तीसरे दिन 3 घंटे का पूर्ण मॉक टेस्ट देते थे. उनके मुताबिक, मॉक टेस्ट मजबूत और कमजोर क्षेत्रों का विश्लेषण करने और उन पर काम करने का एक शानदार तरीका है.
शुभम की मुख्य रणनीति (Shubham’s Mains Strategy)
UPSC Mains Exam को क्रैक करने के लिए स्पीड बहुत महत्वपूर्ण है. प्रत्येक प्रश्न को हल करने के लिए आपके पास लगभग 10-11 मिनट होते हैं. यह पता लगाने की कोशिश करें कि कौन सा पेन आपके लिए सुविधाजनक है. सब्जेक्टिव के लिए शुभम रेनॉल्ड के ट्रिमेक्स रिफिल का इस्तेमाल करते थे. हालांकि, यूपीएससी उम्मीदवारों से उन्होंने उन विभिन्न रणनीतियों पर काम करने के लिए कहा जो UPSC Mains Exam को क्रैक करने में सबसे अच्छा काम करता है. इसके अलावा, उन्होंने अपने उत्तरों को बिंदुओं में और बहुत सटीक लिखने की अपील की. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवार केवल पन्ने भरने के अलावा, अपने विचारों को व्यक्त करने पर ध्यान दें.
ग्रामीण भारत के लिए शुभम की सोच (Shubham’s Vision for the Rural India)
शुभम ग्रामीण भारत के समग्र उत्थान के लिए काम करने की सोच रखते हैं. इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की समग्र शिक्षा और वित्तीय स्तर में सुधार करने की भी सोच रखते हैं. वहीं, वह बिहार में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कोई बेहतर समाधान निकालना चाहते हैं.
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