केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला 10 जनवरी 2024 से 11 जनवरी 2024 के दौरान पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले सागर परिक्रमा चरण-बारहवें कार्यक्रम में भाग लेंगे. केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील मछुआरों, विशेष रूप से तटीय मछुआरों और मछली किसानों, युवा मत्स्य उद्यमियों आदि को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लाभार्थियों और अन्य हितधारकों को सम्मानित करेंगे. इस दौरान मछुआरों को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) केसीसी और अन्य योजनाओं के बारे में अवगत करवाया जाएगा.
सागर परिक्रमा चरण-XII पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों अर्थात् दीघा, शंकरपुर फिशिंग हार्बर, डायमंड हार्बर में सुल्तानपुर फिशिंग हार्बर, गंगा सागर को कवर करेगा. मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, भारतीय तट रक्षक, भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण, मछुआरा संघ और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी सागर परिक्रमा चरण- XII कार्यक्रम में भाग लेंगे.
सागर परिक्रमा यात्रा में मछुआरों, मछली किसानों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ समीक्षा सत्र और बातचीत शामिल है. केसीसी और अन्य आयोजनों के लिए अभियान पूरे पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में होंगे. गतिविधियों में राज्य के मत्स्य अधिकारी, मछुआरों के प्रतिनिधि, मछली किसान, उद्यमी, मछुआरा सहकारी समितियों के नेता, पेशेवर, वैज्ञानिक और देश भर के अन्य हितधारक भाग लेंगे.
पश्चिम बंगाल आठ लाख हेक्टेयर से अधिक अंतर्देशीय जल निकायों और 158 किमी की तटरेखा के साथ विविध जलीय संसाधनों वाले छह कृषि-जलवायु क्षेत्रों से संपन्न है. मत्स्य पालन क्षेत्र में ठंडे पानी से लेकर समुद्री और इनके बीच की हर चीज (अंतर्देशीय, खारा पानी, आर्द्रभूमि) में बहुत विविधता है. "सागर परिक्रमा" के पहले चरण की यात्रा 5 मार्च 2022 को मांडवी, गुजरात से शुरू हुई थी औकर अब तक, सागर परिक्रमा के कुल ग्यारह चरण हो चुके हैं.
सागर परिक्रमा लोगों की चुनौतियों को स्वीकार करके उनके जीवन की गुणवत्ता और आर्थिक कल्याण में सुधार करती है और मछुआरों को उनके दरवाजे पर ही सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करती है. सागर परिक्रमा मछुआरों और मछली किसानों को उनकी चिंताओं को हल करने और विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), और सरकार द्वारा संचालित अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान की सुविधा प्रदान करने में सहायता करना जारी रखेगी.
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