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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि क्षेत्र की समग्र प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने भोपाल से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कृषि भवन, नई दिल्ली में उपस्थित अधिकारियों से फसलों की बुआई, उपार्जन, मौसम की स्थिति और जलाशयों के स्तर की जानकारी ली.
साथ ही, उन्होंने उपज के थोक एवं खुदरा मूल्यों की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
किसानों को मिले उचित मूल्य – कृषि मंत्री का निर्देश
बैठक में विभिन्न उपज की अच्छी पैदावार की संभावनाओं को देखते हुए कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे कि किसानों को अच्छे भाव मिल सकें. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ मिलना चाहिए और इस दिशा में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए.
मखाना बोर्ड के गठन की प्रक्रिया में तेजी
बजट 2025 में घोषित मखाना बोर्ड के गठन को लेकर भी कृषि मंत्री ने आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बोर्ड के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और इसके लिए मखाना उत्पादक किसानों से सुझाव भी लिए जाएं, ताकि उनके हितों को ध्यान में रखते हुए प्रभावी कार्य किए जा सकें.
गौरतलब है कि हाल ही में चौहान ने बिहार में मखाना उत्पादकों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं पर चर्चा की थी. मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है, जिसमें किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, मार्केटिंग सहायता और उचित मूल्य उपलब्ध कराने जैसी योजनाएं शामिल हैं.
ग्रीष्मकालीन बुआई में वृद्धि
बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, 21 फरवरी 2025 तक ग्रीष्मकालीन फसलों की बुआई का कुल क्षेत्रफल 22.317 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 21.845 लाख हेक्टेयर था. इस साल 0.472 लाख हेक्टेयर अधिक बुआई हुई है.
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धान की बुआई क्षेत्र पिछले वर्ष 18.197 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस वर्ष 19.492 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो 1.294 लाख हेक्टेयर अधिक है.
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अन्य फसलों का बुआई क्षेत्र सामान्य के आसपास बना हुआ है और बुआई की प्रक्रिया अभी जारी है.
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सरकार किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है ताकि उत्पादन क्षमता में और वृद्धि हो सके.
प्याज, आलू और टमाटर की बुआई में वृद्धि
रबी मौसम के लिए प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्याज और आलू की बुआई पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हुई है.
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प्याज: 10.29 लाख हेक्टेयर (पिछले वर्ष से 1.66 लाख हेक्टेयर अधिक)
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आलू: 19.82 लाख हेक्टेयर (पिछले वर्ष से 0.31 लाख हेक्टेयर अधिक)
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टमाटर: 2.41 लाख हेक्टेयर में बुआई पूरी हो चुकी है.
मौजूदा बाजार कीमतों को देखते हुए, इन फसलों का कुल क्षेत्रफल पिछले वर्ष से अधिक रहने की उम्मीद है. सरकार ने किसानों को उनकी उपज के बेहतर दाम दिलाने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसमें विपणन सुविधाओं का विस्तार और कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री को प्रोत्साहित करना शामिल है.
मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, 27 फरवरी से 5 मार्च 2025 के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में वर्षा की संभावना है.
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पश्चिमी हिमालय क्षेत्र: व्यापक बारिश और बर्फबारी की संभावना, विशेषकर 27 और 28 फरवरी को भारी बर्फबारी की चेतावनी.
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उत्तर-पश्चिम भारत: हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना.
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दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर भारत: हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना.
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देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा की संभावना, केवल उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है.
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