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आयुष्मान योजना: सरकार की मदद से अब निजी दवा दुकानों से भी फ्री में ले सकेंगे दवाई, जानिए क्या है योजना

कोरोना काल में डगमगाई स्वास्थ्य व्यवस्था ने केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों को भी कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया था. ना तो अस्पतालों में ऑक्सीजन था, ना ही मरीजों के लिए बेड.

प्राची वत्स
medical Store
Ayushman Scheme

कोरोना काल में डगमगाई स्वास्थ्य व्यवस्था ने केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों को भी कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया था. ना तो अस्पतालों में ऑक्सीजन था, ना ही मरीजों के लिए बेड. वहीं दवा दुकानों की बात करें तो वो भी कुछ खासा ठीक नहीं था.

इन विषयों को गंभीरता से लेते हुए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब लाभुक, सरकारी या निजी अस्पताल में जो दवाइयां उपलब्ध नहीं होंगी, उन्हें निजी मेडिकल स्टोर से मुफ्त में खरीद सकेंगे. झारखण्ड सरकार ने इस पर पहल करते हुए हर जिले में ड्रग इंस्पेक्टर के माध्यम से दवा दुकानों के साथ इसका समझौता करने जा रही है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीइओ डॉ. आरएस शर्मा के द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक, बुधवार को सदर अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना कार्यक्रम का जायजा लेते हुए, इसके पहले उन्होंने आयुष्मान की राशि से तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर का निरीक्षण किया. जहां मरीजों से बात करने के साथ ही इलाज की व्यवस्था को समझा.

डॉ आरएस शर्मा ने बताया कि नयी जिम्मेदारी मिलने पर उन्होंने इस कार्यक्रम को सफलता से लागू करने वाले राज्य के तौर पर झारखंड को चुना है. एनएचए बेहतर सेवा देनेवाले अस्पतालों को प्रोत्साहित कर रहा है और बड़े-छोटे अस्पतालों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ रहे हैं, ताकि उन्हें भी इससे मदद मिल सके.

हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि इलाज की दर वास्तविक हो, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा स्तरीय अस्पताल इस योजना से जुड़ सकें. रांची के सदर अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीइओ डॉ आरएस शर्मा ने इसी दौरान उन्होंने यहां बच्चों के लिए बने विशेष वार्ड का भी निरीक्षण किया. उनके साथ मौके पर प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह व अन्य मंत्री भी मौजूद थे.

मेडिकल स्टोर के लिए जारी होगा ई - चालान

सरकार की योजना है कि इलाज के बाद कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनमें बाद में भी दवाई लेने की जरूरत पड़ती है. इसके लिए आयुष्मान योजना में प्राइवेट मेडिकल स्टोर को भी शामिल किया जा रहा है. आम जनता को तकलीफ न हो इसके लिए जो दवाएं उपलब्ध नहीं होगी उनको निजी मेडिकल स्टोर से मरीजों को ई-चालान जारी कर उपलब्ध कराया जायेगा. ई-रुपे कार्ड के साथ अटैच कर वाउचर कैटेगरी कोड जारी होने के बाद इसका ऑडिट किया जायेगा.

रांची मॉडल की देश भर में चर्चा 28 हजार लोगों का इलाज

झारखंड से आयुष्मान योजना 2018 में शुरू की गयी थे. तब से लेकर अभी तक तक रांची में करीब 28 हजार लोगों का इलाज हो चुका है. रांची ने मरीजों के इलाज में जो सुविधाएं दी हैं, उस मॉडल को देशभर में लागू किया जायेगा. वहीं, सबसे ज्यादा क्लेम लेकर सुविधाएं देने में पंजाब और उपकरणों व जांच की व्यवस्था देने में तमिलनाडु तथा केरल जैसे राज्यों की व्यवस्था को झारखंड के अंदर शामिल करने की योजना है.

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पांच साल तक के बच्चे अभिभावक के नाम से अस्पताल में होंगे भर्ती

आयुष्मान भारत योजना के तहत अब पांच साल तक के बच्चों को उनके अभिभावक के नाम पर भर्ती किया जायेगा. अभी एक साल तक के बच्चों को ही अभिभावक के नाम पर अस्पताल में भर्ती किया जाता है.

योजना में हुए बदलाव के बाद अब 5 साल तक के बच्चों का आधार कार्ड और राशन कार्ड में नाम नहीं होने से अक्सर परेशानी होती है. अब बच्चों को अभिभावक के नाम पर भर्ती होने पर जन्म प्रमाण पत्र जमा करना होगा.

English Summary: Under the Ayushman scheme, now you will be able to take medicines from private medicine shops for free. Published on: 21 October 2021, 04:07 PM IST

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