भारत में खेती कार्य मुख्यरूप से किया जाता है. किसान खेतों में हर तरह की फसलों को उगाते हैं, जिससे उन्हें आमदनी भी अच्छी प्राप्त होती है. वहीँ, दूसरी तरफ सरकार किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्द सुरक्षा मिशन के तहत (National Food Security Mission) खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई तरह की पहल की जा रही है.
जी हाँ उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए यह खबर बेहद ही अच्छी है. राष्ट्रिय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मूंग और उड़द की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. राष्ट्रिय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मेरठ के 26 जिलों में मूंग एवं उड़द की खेती (Moong And Urad Cultivation ) को बढ़ावा (Promotion Of Moong And Urad Cultivation) देने की पहल की जा रही रही है. इसके साथ ही किसानों को सहफसली खेती करने पर भी जोर दे रही है.
सहफसली खेती के लिए बढ़ावा (Promotion For Co-Crop Farming)
बता दें कि मेरठ मंडल के सभी जिलों में किसानों ने इन दिनों अपने खेतों में गन्ने की फसल लगा रखी है. इसी बीच किसानों को फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करवाने के लिए राष्ट्रिय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत सरकार सहफसली खेती करने के लिए बढ़ावा दे रही है. जी हाँ, अब किसान अपने खेत में गन्ने की खेती के साथ–साथ मूंग और उड़द की खेती भी कर सकेंगे. सरकार का मानना है कि इस मिशन के तहत किसानों की आय में काफी इजाफा होगा, साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.
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किसानों को होगा लाभ (Farmers will Benefit)
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खेती में जैविक उर्वरकों के लिए बढ़ावा देने के लिए किसानों की सहायता की जाएगी.
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गन्ना के साथ दलहन की सहफसली खेती करने से खेत की मिटटी की उर्वरक शक्ति भी बढ़ेगी.
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राष्ट्रिय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत किसानों को उड़द की उन्नत किस्मों किस्मों जैसे उर्द-1, आजाद उर्द-1, उत्तरा उर्द, आजाद उर्द-2, शेखर-2 और पंत उर्द-10 अदि की बुवाई के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
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इसके साथ ही मूंग की किस्में नरेंद्र मूंग-1, मालवीय जाग्रति मूंग, सम्राट मालवीय जनप्रिया, मेहा, पूसा विशाल आजाद मूंग-1 जैसी उन्नतशील प्रजातियों के बीजों की बुआई करवाए जाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.
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