
उत्तर प्रदेश में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, क्योंकि इस सब्जी की मांग बाजार में सालभर बनी रहती है। आलू को भारतीय थाली की शान माना जाता है, इसलिए किसान इस फसल का अधिक उत्पादन करते हैं। अब आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए राज्य सरकार ने दिवाली से पहले एक बड़ा तोहफा दिया है। किसानों को अब आलू के बीज खरीदने पर सरकार ₹800 प्रति क्विंटल की छूट दे रही है, जिससे किसान कम लागत में बीज खरीदकर अधिक उत्पादन कर सकते हैं और मोटा मुनाफा कमा सकते हैं।
आइए जानते हैं आलू की बेहतरीन किस्मों के बारे में
1. कुफरी चिप्सोना
इस किस्म की खेती अक्टूबर महीने में की जाती है, जो इसके लिए उपयुक्त समय माना जाता है। यह फसल 110 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है। उत्पादन की बात करें तो किसान इससे 200 से 300 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त कर सकते हैं। तराई इलाकों में इस किस्म की खेती अधिक की जाती है, जिससे किसान अच्छी आमदनी अर्जित करते हैं।
2. कुफरी बहार
यह किस्म किसानों के लिए अत्यधिक लाभदायक मानी जाती है। इसकी बुवाई मध्य सितंबर से अक्टूबर के पहले सप्ताह तक की जाती है। यह किस्म 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है और 100 से 120 कुंतल प्रति एकड़ तक उपज देती है। इसकी खास बात यह है कि यह कम समय में पककर तैयार हो जाती है, जिससे किसान जल्दी उत्पादन लेकर बाज़ार में बेच सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
3. कुफरी ख्याति
यह किस्म किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है, क्योंकि यह जल्दी पकने वाली वैरायटी है। यह केवल 70 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है। उत्पादन की बात करें तो इससे भी 200 से 300 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है। साथ ही, इसकी बाजार में अच्छी मांग बनी रहती है।
आलू के बीज पर मिलने वाली छूट
यदि हम वर्तमान में विभागीय आलू बीज की दरों की बात करें तो यह उत्पादन लागत के आधार पर ₹2,760 से ₹3,715 प्रति क्विंटल तक है। वहीं निजी कंपनियों के बीज ₹2,500 से ₹3,500 के बीच उपलब्ध हैं। अब सरकार द्वारा किसानों को सभी श्रेणियों के विभागीय आलू बीज पर ₹800 तक की छूट दी जा रही है। इसके बाद किसानों को यह बीज केवल ₹1,960 से ₹2,915 प्रति क्विंटल की दर पर उपलब्ध होगा। इससे किसानों की लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा।
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