भारत में लगभग 70 फीसद आबादी कृषि या खाद्य उत्पादन से जुड़ी हुई हैं जिसमें मछली पालन एक बड़ा व्यवसाय है. मछली पालन व्यवसाय में भारत विश्व में तीसरे स्थान पर है. भारत में लगभग 10 लाख लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए है. जहां एक तरफ जहां इस व्यवसाय में काफी मुनाफा है वही, दूसरी तरफ जोखिम भी है. इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुये पश्चिम बंगाल मत्स्य एवं पशुपालन विज्ञान विश्वविद्यालय (West Bengal University of Animal and Fishery Sciences ) ने एक अच्छा और बड़ा कदम उठया.
दरअसल पश्चिम बंगाल मत्स्य एवं पशुपालन विज्ञान विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार की सहायता से एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया. ये कार्यक्रम 26 मार्च को शुरू हुआ और 3 दिनों तक चला. इस कार्यक्रम में लगभग 50 लोगों ने हिस्सा लिया. ये सभी लोग मछली व्यवसाय से किसी न किसी प्रकार से जुड़े हुए थे. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य व्यापारियों को सही ढंग से मछली पालन और उनकी देखभाल करना सिखाना था. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मछली के सही और स्वस्थ अंडे की पहचान , अंडो की देख रेख करना, मछलियों को होने वाली बीमारियां और उनके इलाज के साथ ही मछलियों के उचित भोजन और अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया गया. इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से व्यापारियों ने हिस्सा लिया और इसे सफल बनाया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में लोगों के रुझान को देखते हुए आयोजकों ने उम्मीद जताई कि अगली बार और अधिक लोग प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे .
लेखिका : नंदिनी सिंह (मार्केटिंग एंड पीआर एग्जीक्यूटिव)
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