देश की अर्थव्यवस्था में कृषि और किसानों की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. कृषि क्षेत्र को रफ्तार देने के लिए देश में कई प्रकार के कार्य और योजनाएं लागू होते हैं. सरकारों का भी ऐसा मानना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कृषि एक बेहतर विकल्प है. ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर लोग खेती से अपनी जीविका चलाते हैं और निर्भऱ रहते हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कृषि और किसानों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं. दरअसल उन्होंने देश में कई प्रकार के चल रहे कार्यों के लिए फंड स्वीकृत करने की ओर भी इशारा किया है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के कृषि आधारभूत संरचना फंड के लिए 3980 करोड़ रुपए की स्वीकृती मिली है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें सम्मान देने की मकसद से 1 लाख करोड़ की राशि वाले कृषि आधारभूत संरचना फंड को भी जोड़ा है. इसकी शुरुआत केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपए के फंड को जारी करके किया है.
उपमुख्यमंत्री ने कृषि आधारभूत संरचना फंड के बारे में जानकारी दते हुए आगे इसके लाभ के बारे में बताया. उन्होंने कहा इसके जरिए प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को केवल 1 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा और इसके साथ ही सात साल तक के कर्ज पर 3 फीसदी ब्याज अनुदान भी मिलेगा. इसमें सरकार द्वारा 2 करोड़ तक के ऋण की गारंटी भी लेगी. आगे सुशील मोदी ने इस बात की जानकारी दी कि यह कर्ज किस कार्यों के लिए मिलेगा. इसमें कृषि उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज, गोदाम, पैक हाउस और मार्केटिंग सुविधाओं के विकास कार्य के लिए कर्ज दिया जाएगा. इससे किसानों को यह लाभ मिलेगा कि वो अपने उत्पाद औने-पौने दाम की जगह मनचाहे दाम में बेच सकेंगे. इससे उनकी आय बढ़ेगी और वो सशक्त बनेंगे. सुशील मोदी ने आखिरी में कृषि आधारभूत संरचना फंड को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी भी बताया.
बता दें कि बिहार इन दिनों बाढ़ कि स्थिती से गुजर रहा है और यहां के लगभग 16 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. किसानों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और उनकी कई एकड़ की फसलें बर्बाद हो गई हैं. राज्य में उनकी मदद के लिए कई प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं और कृषि मंत्री ने कहा है कि किसानों को नुकसान की भरपाई किया जाएगा.
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