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किसान हित की यह योजना देश भर में हो सकती है लागू

मध्यप्रदेश में किसानों को फसल का उचित दाम दिलाने के लिए लागू मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना देशभर में लागू हो सकती है। इसके जरिए बाजार में उपज के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने पर अंतर की राशि किसान को अदा की जाएगी। कई राज्य इस योजना का मसौदा प्रदेश से ले चुके हैं। आज कृषि मंत्रालय में योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने को लेकर बैठक बुलाई गई है।

 

भोपाल। मध्यप्रदेश में किसानों को फसल का उचित दाम दिलाने के लिए लागू मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना देशभर में लागू हो सकती है। इसके जरिए बाजार में उपज के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने पर अंतर की राशि किसान को अदा की जाएगी। कई राज्य इस योजना का मसौदा प्रदेश से ले चुके हैं। आज कृषि मंत्रालय में योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने को लेकर बैठक बुलाई गई है।

सूत्रों के मुताबिक उपज के वाजिब दाम दिलाए जाने को लेकर देशभर में किसान आंदोलन हो रहे हैं। इससे निपटने के लिए भावांतर देने के फॉर्मूले को सबसे बेहतर माना जा रहा है। इसमें न तो सरकार को फसल की खरीदी करनी पड़ेगी और न ही उसके भंडारण और फिर विपणन की कोई चिंता।

सरकार जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है, उन्हें और अन्य फसलों को इसमें शामिल किया जा सकता है। मध्यप्रदेश में दोनों तरह की फसलों को योजना के दायरे में रखा गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय और कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसानों को इस योजना से काफी राहत मिलेगी। उन्हें अब यह चिंता नहीं सताएगी कि बाजार में फसल के भाव कम होने का खामियाजा उठाना पड़ेगा। सरकार इस योजना के माध्यम से अप्रत्यक्ष तौर पर बाजार को भी नियंत्रित कर सकेगी।

भावांतर का यह है फॉर्मूला

प्रदेश सरकार भावांतर योजना में शामिल फसल में अंतर की राशि देने के लिए पहले दो राज्यों की उन मंडियों से फसल का भाव लेगी, जहां इनका उत्पादन सर्वाधिक होता है। राज्य स्तरीय समिति भाव का तुलनात्मक चार्ट बनाने के बाद खरीदी सीजन समाप्त होते ही तय अंतर की राशि की घोषणा करेगी। इसके बाद यह राशि किसानों के खातों में सीधी डाली जाएगी।

ये राज्य ले चुके हैं योजना का मसौदा

महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ ।

15 लाख तक हो सकता है पंजीयन 

सरकार ने खरीफ फसलों के लिए भावांतर योजना में पंजीयन कराने के लिए तारीख 11 से बढ़ाकर 15 अक्टूबर कर दी है। अभी तक सात लाख किसानों का पंजीयन हो चुका है। संभावना जताई जा रही है कि यह आंकड़ा 15 लाख तक पहुंच सकता है। योजना का लाभ सिर्फ पंजीकृत किसानों को ही मिलेगा।

केंद्र कर रहा विचार: डॉ.राजौरा

प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा का कहना है कि योजना को लेकर कृषि मंत्रालय भी विचार कर रहा है। सोमवार को एक बैठक होने जा रही है। इसमें योजना के बिन्दुओं पर चर्चा होगी। राज्य की ओर से केंद्र को योजना के बारे में पहले ही अवगत करा दिया है। प्रदेश में योजना को लेकर किसानों में विशेष रूचि देखी जा रही है।

 

 

English Summary: This scheme of farmers' interest can be implemented throughout the country. Published on: 08 October 2017, 11:36 PM IST

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